आजकल
आजकल
1 min
210
देवदासों सी पीने लगे आज कल।
ज़ख्म दिल के यूँ सीने लगे आजकल।
देख साकी तेरे रिन्द शाम ओ सहर।
मयकदे में ही जीने लगे आजकल।
एक पल में ही मिल जाती थी जो खुशी।
पाने में अब महीने लगे आजकल।
पैरहन जिंदगी के फटे जा रहे।
प्यार से उसको सीने लगे आजकल।
ज़ीस्त अनमोल थी और अनमोल है।
मौत में आबगीने लगे आजकल।