HARSUKH RAIVADERA રાયવડેરા "હસુ"
Abstract
घर बनाने से भी
मुश्किल है
किसी के
दिल में
जगह बनाना।
में गुलाम हु ...
शायरी
मौन का महत्व
अच्छा वक्त(सम...
बेरहम
दोस्ती
भारत
दिलों का खेल
बच्चों से महं...
वादा
कर बेस्याह कागज एक दिन हम खुद हवा में घुल मिल जायेंगे। कर बेस्याह कागज एक दिन हम खुद हवा में घुल मिल जायेंगे।
जहर ये फैल गया हर तरफ हवाओं में भी कुछ बाकी रहा ना बरबाद हुए बगैर। जहर ये फैल गया हर तरफ हवाओं में भी कुछ बाकी रहा ना बरबाद हुए बगैर।
ईमानदारी से कहता हूं अब खुद की तलाश में हूं मैं। ईमानदारी से कहता हूं अब खुद की तलाश में हूं मैं।
आगे की लाइफ सोच कर डरना, ये है अपनी मिडिल क्लास लाइफ।। आगे की लाइफ सोच कर डरना, ये है अपनी मिडिल क्लास लाइफ।।
सिंदुरी शाम में हर दिन, तुम्हारा साथ चाहिए।। सिंदुरी शाम में हर दिन, तुम्हारा साथ चाहिए।।
कभी समय हो तो पढना मेरे दिल की एक किताब। कभी समय हो तो पढना मेरे दिल की एक किताब।
मेरी गरीबी से भरे पोस्टर तुम्हारे महंगे ड्राइंग रूम में नजर आते हैं। मेरी गरीबी से भरे पोस्टर तुम्हारे महंगे ड्राइंग रूम में नजर आते हैं।
फलसफा जीवन का नदियों सा है टूटकर आखिर समंदर में सिमटना है। फलसफा जीवन का नदियों सा है टूटकर आखिर समंदर में सिमटना है।
कौन सी याद खुशियां दे जाए हज़ार यादों के पिटारे में भर लें सुंदर यादें क्यों नहीं ! कौन सी याद खुशियां दे जाए हज़ार यादों के पिटारे में भर लें सुंदर यादें क्यों...
चले आओ खाली या ले फूल गुच्छे। 'मीरा ' को देंगे तो सौगात होगी।। चले आओ खाली या ले फूल गुच्छे। 'मीरा ' को देंगे तो सौगात होगी।।
दिखावे की सादगी नही ओढ़ी थी उसने, जिंदगी को तपा लाई थी वो। दिखावे की सादगी नही ओढ़ी थी उसने, जिंदगी को तपा लाई थी वो।
कलम से लिखेंगे कविता दिल में छुपी हुई कलम से लिखेंगे कविता दिल में छुपी हुई
ज्योति जैसी तू है भावना।उठो जगो, आगे बढ़ो, तू है जीवन की पहचान।। ज्योति जैसी तू है भावना।उठो जगो, आगे बढ़ो, तू है जीवन की पहचान।।
हुआ सुचित अब ये जीवन मेरा भी। जब इस हृदय मे निवास तुम्हारा हो।। हुआ सुचित अब ये जीवन मेरा भी। जब इस हृदय मे निवास तुम्हारा हो।।
है तुमसे प्यार इतना के तू हर जगह, मुझे दिखता क्यों है?.. है तुमसे प्यार इतना के तू हर जगह, मुझे दिखता क्यों है?..
तेरी इज्ज्ज्त को बचाने के लिए और तू उजाड़ती रहे मेरी बस्ती। तेरी इज्ज्ज्त को बचाने के लिए और तू उजाड़ती रहे मेरी बस्ती।
पृथक परिणाम दिए जुड़वाँ ने, सदा सफलता पाते हैं ! पृथक परिणाम दिए जुड़वाँ ने, सदा सफलता पाते हैं !
बैठ जाती हूं जब फुर्सत में ना जाने कैसे उसे मालूम चल जाता है। बैठ जाती हूं जब फुर्सत में ना जाने कैसे उसे मालूम चल जाता है।
बची खुची है जो ज़िंदगी संवार सकूं गर अब भी किनारे तक पहुंच ही जाऊं शायद मैं अब भी ! बची खुची है जो ज़िंदगी संवार सकूं गर अब भी किनारे तक पहुंच ही जाऊं शायद मैं ...
अवसरवादी नेता यहाँ के अंधे सिपह-सलाह। जनता को ना न्याय मिले हो रहे हैं सब तबाह। अवसरवादी नेता यहाँ के अंधे सिपह-सलाह। जनता को ना न्याय मिले हो रहे हैं सब तबा...