सवाल मन में उठता है
सवाल मन में उठता है
सूरज और चाँद की प्रेम कहानी भी अजीब है
सूरज और चाँद मिलकर भी नहीं मिल पाते
दोनो एक दूजे से प्यार करते बेशुमार है
पर उनकी किस्मत भी लिखी अधूरी रब ने
दूर दूर से ही दोनों एक दूजे को निहारते है
अपना अपना हाले दिल सुनाते है और रो लेते है
जब दर्द हद्द से बढ़ जाता है तो बादल फट जाते है
और छम छम कर के बारिश बरसती है
प्यार करने वालों की किस्मत भी अजीब होती है
प्यार तो जगा देता है ईश्वर दिलों में पर अधूरा लिखता है
प्यार तो सब खुशी खुशी कर लेते है पर फिर रोते है
आखिर क्यों प्यार की किस्मत में जुदाई है ये सवाल
मन मे उठता है