उम्मीदों का चिराग
उम्मीदों का चिराग
1 min
1.4K
जोड़-जोड़ तिनका एक आशियाँ बनाया था
उम्मीदों के चिरागों से उसको मिलकर सजाया था ,
झौकों-तूफानों से मिलकर हमने बचाया था
हर दर्द और गम को भुलाने की पाकीज़ा जगह था ,
क्या साथ छोडकर इस मोड़ पर उनको जाना था
रिश्ता हमारा सात जन्मों का नहीं सदियों का नाता था ,
अस्सी वर्ष की उमर में मरने पर एक पति ने अर्थी पर
लेटी अपनी हमउमर पत्नि से यह सब कहा था !