मधुर गुंजन
मधुर गुंजन
वर्ष की मुख्य ऋतुएं चार
उनमें भी प्रमुख बसन्त-बहार
ऐसे सम्मोहित करे यह गुलबहार
प्रेरित हों हर कला के कलाकार।
जब भी छाए बसन्त बहार
मधुर गुंजन में राग बहार
सजीली सरगम तरंगित सुरबहार
प्रफुल्लित मन सदाबहार।
पुष्प-पौधौं पर आए निखार
नवयौवन का नव अभिसार
सुवासित, सुगन्धित वन-विहार
उमड़-उमड़ उमड़े प्यार।
अलसाए उन्माद सा हल्का ख़ुमार
फागुन की महकती फुहार
मदमाती शीतल सुहानी बुहार
ऋतुराज को चहकती जुहार।
चतुर्दिशाएं कर सोलह श्रंगार
नव ऊर्जा का करें संचार
हर्षोल्लास में खिलें बंजर-बंजार
समान प्रभावित शिक्षित-गंवार।
