मिट्टी मुझे बुलाती है..
मिट्टी मुझे बुलाती है..
जिस धरती पर मैंने जन्म लिया वो मिट्टी मुझे बुलाती है,
याद कर प्यारा वतन मेरी धड़कनें रुक जाती हैं।
लहलहाती फसलों से हर ओर जहाँ हरियाली है
खुशियों के रंग की होली जहाँ और जीत की दीवाली है,
त्यौहारों की वह चहल-पहल मुझे अपने पास बुलाती है
जिस धरती पर मैंने जन्म लिया वो मिट्टी मुझे बुलाती है।
आपस में भाईचारा है जय हिन्द जहाँ का नारा है
प्रेम और सौहार्द से हर रिश्ते को सँवारा है,
जब भी मिलता हूँ उससे मैं तो खूब प्यार लुटाती है
जिस धरती पर मैंने जन्म लिया वो मिट्टी मुझे बुलाती है।
चिड़ियों की चहचाहट है और कोयल की है कूक जहाँ
अद्भुत है हर नजारा ही प्रकृति का है सुन्दर रूप जहाँ,
जब भी करता हूँ याद वो सब तो मन को मेरे मोह जाती है
जिस धरती पर मैंने जन्म लिया वो मिट्टी मुझे बुलाती है।