बाज
बाज
उसके चंगुल में बहुत धार है
निगाहें भी उड़ने को तैयार है।
पंखों के उड़ान की बात ही क्या,
जब मिले उसे कोई आहार है।
कहते हैं लोग खुद ही कि,
सामने वो कभी झुकता नहीं।
सब रुक सकते हैं लेकिन,
वो कभी भी रुकता नहीं।
यूँ नज़रअंदाज़ ना करो उसे,
तुम्हें भी उड़ा कर वो ले जाएगा।
पसीने तक ना छूट पाएंगे,
अगर वह सामने आ जाएगा।
आसमां के ऊंचाई में सीमित नहीं,
वो बस ऊपर उड़ता जाता है।
पंछी आसरा ढूंढते हैं रूक कर,
पर वो आगे ही बढ़ता जाता है।
वैसे नाम उस पंछी का बाज है,
उसकी सफलता का एक राज है।
सफलताओं में तत्पर रहता है,
पूछो तो बस एक ही बात कहता है।
अगर बनना है तो ऐसे बनो कि,
बादलों को चीर कर उड़ जाओ।
मुसीबतों का सामना करो डट कर,
वरना किसी कायर जैसे मर जाओ।