वतन का सन्देश
वतन का सन्देश
वतन पर जो लुट गए वो यादों में बसे रहें
हम जब भी वतन कहें उनकी ही जबां कहें
कुर्बानियां इस राह में पूरा घर देती ही है
जब भी उन्हें याद करें वतन को उनका घर कहें
आज के इस दौर में इन्कलाब आसान है
तुम कदम बढ़ा तो लो जुनूं को आसमां कहें
आज का जवाँ गर दिल से वतन पुकार ले
हर दिशा गूंज उठे आवाम को गुमाँ रहे
राजनीति वतन की नई दिशा लेती रहे
हर पथ हो सत्य, सत्य का बस निशाँ रहे
हर सरहद लहू के मायने है जानती
वतन की मिट्टी के कण-कण में ये दास्ताँ रहे
फ़र्ज़ और ईमान के इम्तिहानों से गुज़रोगे कभी
दोनों के लिए दिल में बेख़ौफ़-सी एक जा रहे
तुम गर बुलंद कर लो जुर्म के खिलाफ हौंसले
जिस तरफ तुम बढ़ चलो क़दमों के निशाँ रहे
वंदे मातरम् हमारी जान है तिरंगा हमारी शान है
जब भी जय घोष हो ''जय हिंद'' का कारवां रहे.