खफा हूँ
खफा हूँ
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ख़फा हूँ ख़फा हूँ ख़फा हूँ
तेरे झूठे वादों से तेरी झूठी बातो से
जाने कब तुम सुधरोगे
जाने कब तुम बदलोगे
तेरी बेरुखियों से
तेरे बदले रूप से ख़फा हूँ
ख़फा हूँ ख़फा हूँ ख़फा हूँ
मैं खुद से ही अब ख़फा हूँ
क्यों कर लेती हूँ भरोसा
सब पे आंख बंद करके
हर रिश्ते हर दोस्त से ख़फा हूँ ख़फा हूँ
ख़फा हूँ ख़फा हूँ ख़फा हूँ
जिंदगी के दिये गमो से ख़फा हूँ
ना ही कोई सुकून है ना ही कोई खुशी है
फिर भी जाने क्यों
जिंदा है हम इस जहां में
ख़फा हूँ ख़फा हूँ ख़फा हूँ