दोस्ती
दोस्ती
हम क्या करे ऐ दोस्त तू ही बता दे हमको
एक तेरे सिवा कोई हमको भाता नहीं इस जहां में,
हमारी तन्हाइयाँ है प्यारी हमको
हम किसी और को अपना साथी बना सकते नहीं,
तू जो रूठा हमसे इस दिल के इतने टुकड़े हुए
हर एक टुकड़े में हम को तेरा ही चेहरा नजर आए,
हम उस चेहरे से दिल को निकाले कैसे
कहाँ हो तुम ये हमको बता दो ज़रा,
दोस्ती हमने चाँद से जो कर ली
तो फिर सितारों का क्या होगा,
दोस्ती अगर सूरज से हमने कर ली
तो फिर किरणों का क्या होगा,
दोस्ती अगर हवाओं से हमने कर ली
तो फिर इन फिज़ाओ का क्या होगा,
दोस्ती अगर फूलों से हमने कर ली
तो फिर इन भंवरों का क्या होगा,
दोस्ती अगर हमने बादलों से कर ली
तो फिर इस बिजली और बरखा का क्या होगा,
दोस्ती अगर सागर से हमारी हो गयी
तो फिर इन लहरों का क्या हाल होगा
दोस्ती अगर दीये से कर ली हमने
तो इस बाती का क्या हाल होगा
दोस्ती अगर किसी और से कर ली हमने
तो तुम्हारा क्या हाल होगा ज़रा बताओ हमको ।।।