स्वामी समर्थ
स्वामी समर्थ
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
1 min
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
200
भिऊ नकोस।मी पाठीशी।
चूक घाली पोटाशी।भक्तांच्या।।१।।
स्वामींची गाथा।अक्कलकोट निवासी।
आवडे औदुंबर त्यांसी।कृपासिंधू।।२।।
अनंतकोटी।ब्रंह्माडनायक।
योगीराज।महाराज।स्वामी समर्थ।।३।।
भक्तजन सारें।करिती नामस्मरण।
धरुनी चरण।भक्तिभावे।।४।।
दूरवर पसरली।त्यांची किर्ती।
भक्तांना प्रचीती।आजही येई।।५।।
उपासना।करी चिंतन।
मनन।योगक्षेम चालती।।६।।
घडावे दर्शन।अनमोल ठेवा।
करावी नित्यसेवा।निरंतर।।७।।