अब वो रिश्ते, प्यार,अपनापन, भाईचारा सब किस्से बन गये हैं। अब वो रिश्ते, प्यार,अपनापन, भाईचारा सब किस्से बन गये हैं।
इतने देवी देवता होने के बावजूद पता नहीं मैं क्यों असहाय महसूस कर रहा था इतने देवी देवता होने के बावजूद पता नहीं मैं क्यों असहाय महसूस कर रहा था
हरीश हैरानी से बोले क्या ? शुचि ने शर्माते हुए जवाब दिया प्यार। हरीश हैरानी से बोले क्या ? शुचि ने शर्माते हुए जवाब दिया प्यार।
तब से हम पुलिस वाला बनना चाहते थे, और आज हमें भी फर्ज निभाने का मौका मिला है । तब से हम पुलिस वाला बनना चाहते थे, और आज हमें भी फर्ज निभाने का मौका मिला है ।
सब कुछ खो कर जीवन भर भौतिकता के पीछे पीछे भाग रहे हैं सब कुछ खो कर जीवन भर भौतिकता के पीछे पीछे भाग रहे हैं
मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और बस भगवान से प्रार्थना करने लगी कि सही से पहुंचा दे। मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और बस भगवान से प्रार्थना करने लगी कि सही से पहुंचा दे...