Twinckle Adwani

Children Stories Inspirational

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Twinckle Adwani

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मेला

मेला

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आज तुम बहुत खुश हो 

हाँ

पर ....

अरे आज मेरी डयूटी मेले में है 

तो....इतना खुश होने कि क्या बात है

वहाँ तो इतनी भीड़ रहती है और न जाने कितने लोग पीकर लड़ाई झगड़ा करते हैं तो कभी लाइक कि परेशानी तो कभी धूल का गुब्बारा उड़ने लगता है।

तुम्हें पता है बचपन में हम मेले में गुम गए थे बहुत रोते रहे, डर गए थे किसी ने मुझे खिला दिया तो किसी ने पानी की बोतल दे दे हम कोने में बैठे रोने लगे पूरा मेला खत्म हो गया लाइट बंद होने लगी, एक पुलिस वाले की नजर हम पर पड़े हम उसे कहते हैं उसके पहले उसने हमारे पास आकर अच्छे से पहले खिलाया प्यार से सब बातें पूछने लगे।

 और हमने बताया कि हमारे मम्मी पापा का हाथ खिलौने कि जिद में छोड़ दिया था, हम गाड़ी के पीछे थे न जाने कब भीड़ में अंदर आए और घर वालों को ढूंढते रहे मगर कोई ना दिखा यूं कहो कि हम पहचान में ही नहीं पाए भीड़ में कौन अपना कौन पराया। 

फिर पुलिस कि मदद  सही सलामत घर पहुंचे, आधी रात को....

घर वालों का रो रो कर बुरा हाल था ...हमें देखकर ही ......सबकी जान में जान आई।

तब से हम पुलिस वाला बनना चाहते थे, और आज हमें भी फर्ज निभाने का मौका मिला है ।

इसलिए ......

जाओ जाओ .....हंसते हुए 

जय हिंद .....



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