स्नेह का स्पर्श उसे अभी भी हौसला दे रहा था की हाँ, उसके आधे अंग में अभी भी जान बाक़ी है। स्नेह का स्पर्श उसे अभी भी हौसला दे रहा था की हाँ, उसके आधे अंग में अभी भी जान ब...
अबार्शन अबार्शन
ये मर क्यों नहीं जाता, न जाने किस जन्म की दुश्मनी निकाल रहा हैं हमसे ये मर क्यों नहीं जाता, न जाने किस जन्म की दुश्मनी निकाल रहा हैं हमसे
जिस दादी को नहाने और पूजा का इतना विचार था उन्हें अब दादाजी को लकवा मारने पर, ना नहाने की सुध, ना ही... जिस दादी को नहाने और पूजा का इतना विचार था उन्हें अब दादाजी को लकवा मारने पर, ना...
कभी -कभी मैं सोचती हूँ कि वह सहकर्मी मेरे बारे में क्या सोचता होगा कभी -कभी मैं सोचती हूँ कि वह सहकर्मी मेरे बारे में क्या सोचता होगा
कई बार अकेले में रोती रहती लेकिन फिर खुद को संभाल कर अपने पिता जी और भाइयों को भी हिम्मत कई बार अकेले में रोती रहती लेकिन फिर खुद को संभाल कर अपने पिता जी और भाइयों को भ...