लग रहा था और साथ ही एक घर, उसका अपना घर....... लग रहा था और साथ ही एक घर, उसका अपना घर.......
बेटियाँ न घर की न घाट की विवाह करके जहाँ पैदा हुई वह से जाना पड़ेगा। बेटियाँ न घर की न घाट की विवाह करके जहाँ पैदा हुई वह से जाना पड़ेगा।
साथ होकर भी मेरे साथ नहीं है ये... साथ होकर भी मेरे साथ नहीं है ये...
औरत खोखले ख्वाबों में उड़ान भरने से ज्यादा .. अपने को महफ़ूज रखना अधिक पसंद करती है। औरत खोखले ख्वाबों में उड़ान भरने से ज्यादा .. अपने को महफ़ूज रखना अधिक पसंद करती...
दीवारों का क्या? वे तो बेजान है... बेबस है... खामोश है... खड़ी रहती है इन्तजार में... बस अपनी ख... दीवारों का क्या? वे तो बेजान है... बेबस है... खामोश है... खड़ी रहती है इन्तज...