नारी के लिए इतनी पाबंदियां इतने बंधन कि उसे स्वयं के पैदा होने पर मलाल हो जाए नारी के लिए इतनी पाबंदियां इतने बंधन कि उसे स्वयं के पैदा होने पर मलाल हो जाए
लेखक: सिर्गेइ पिरिल्यायेव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक: सिर्गेइ पिरिल्याय लेखक: सिर्गेइ पिरिल्यायेव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक: सिर्गेइ पिरिल्य...
उसने अपने जन्मदिन पर केक काटने से मना कर दिया बोली मॉम काटेगी क्योंकि पहले लेबर पेन हुआ उसके बाद वो ... उसने अपने जन्मदिन पर केक काटने से मना कर दिया बोली मॉम काटेगी क्योंकि पहले लेबर ...
हम ब्लड बैंक में रखेंगे और तुम्हे खून बनने के लिए सूई देंगे। इस तरह एक सप्ताह बाद ऑपरे हम ब्लड बैंक में रखेंगे और तुम्हे खून बनने के लिए सूई देंगे। इस तरह एक सप्ताह बा...
इसी लिए फिर तुम्हारी दादी मुझे ही कहती है की बेटियों को कोई संस्कार नहीं दिए इसी लिए फिर तुम्हारी दादी मुझे ही कहती है की बेटियों को कोई संस्कार नहीं दिए
रामू तो खुद अनाथ ऊपर से एक अनाथ पिल्ली। रामू तो खुद अनाथ ऊपर से एक अनाथ पिल्ली।