उम्मीद है, मेरी वार्ता आपके समझ का हिस्सा बन गई होगी। उम्मीद है, मेरी वार्ता आपके समझ का हिस्सा बन गई होगी।
इसी लिए फिर तुम्हारी दादी मुझे ही कहती है की बेटियों को कोई संस्कार नहीं दिए इसी लिए फिर तुम्हारी दादी मुझे ही कहती है की बेटियों को कोई संस्कार नहीं दिए
मैं आज अठारह वर्षों के बाद भी उस अपराध बोध से मुक्त नहीं हो पायी हूँ। मैं आज अठारह वर्षों के बाद भी उस अपराध बोध से मुक्त नहीं हो पायी हूँ।