बसंती और बसंती को हँसते देख रामदीन और बिरजू हँस पड़े। बसंती और बसंती को हँसते देख रामदीन और बिरजू हँस पड़े।
उनके पिता उन्हें कि हमें तुम्हारी पगार नहीं तुम्हारी तरक्की चाहिए। उनके पिता उन्हें कि हमें तुम्हारी पगार नहीं तुम्हारी तरक्की चाहिए।
दो दिन से बच्चों को पानी में डुबोकर रोटी खिला रही थी। दो दिन से बच्चों को पानी में डुबोकर रोटी खिला रही थी।
यह वार्ता नोटबंधी के समय गरीब ईन्सान के जीवन में आती आशा निराशा को दर्शाती है । यह वार्ता नोटबंधी के समय गरीब ईन्सान के जीवन में आती आशा निराशा को दर्शाती है ।
वैसे रसोई में उनके करने के लिए कोई ख़ास काम नहीं था वैसे रसोई में उनके करने के लिए कोई ख़ास काम नहीं था
ये अपनी स्कूटी लेकर जाती पर अपनी वेशभूषा एकदम मेहरियों वाली रखती। ये अपनी स्कूटी लेकर जाती पर अपनी वेशभूषा एकदम मेहरियों वाली रखती।