फिर भी जाने क्यों पराये शब्द से नवाजी जाती है और वो भी पुरानी बहू अर्थात सास के द्वारा। फिर भी जाने क्यों पराये शब्द से नवाजी जाती है और वो भी पुरानी बहू अर्थात सास के ...
यह वार्ता नोटबंधी के समय गरीब ईन्सान के जीवन में आती आशा निराशा को दर्शाती है । यह वार्ता नोटबंधी के समय गरीब ईन्सान के जीवन में आती आशा निराशा को दर्शाती है ।
वार्ता निरर्थक हो जाती है इसका अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता। वार्ता निरर्थक हो जाती है इसका अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता।