इंसान कुछ सोचता है लेकिन विधाता को तो कुछ और ही मंजूर होता है। इंसान कुछ सोचता है लेकिन विधाता को तो कुछ और ही मंजूर होता है।
भीमा नायक का कार्यक्षेत्र बड़वानी रियासत से वर्तमान महाराष्ट्र खानदेश तक रहा भीमा नायक का कार्यक्षेत्र बड़वानी रियासत से वर्तमान महाराष्ट्र खानदेश तक रहा
मुझे उसकी कही हुई बातें याद आने लगी, कि यह लोग दोस्त नहीं धोखेबाज है मुझे उसकी कही हुई बातें याद आने लगी, कि यह लोग दोस्त नहीं धोखेबाज है
उस लड़की को शायद लोगों की भावनाओं से खेलने में मजा आता था उस लड़की को शायद लोगों की भावनाओं से खेलने में मजा आता था
पापा-मम्मी ने पहले ही ग्रीष्म ऋतु की तपिश से बचने के लिए पर्यटन कार्यक्रम बनाया हुआ था पापा-मम्मी ने पहले ही ग्रीष्म ऋतु की तपिश से बचने के लिए पर्यटन कार्यक्रम बनाया ...