प्रकृति देखने में जितनी आकर्षक होती उसकी अकर्मकता उतनी ही भयानक होती। प्रकृति देखने में जितनी आकर्षक होती उसकी अकर्मकता उतनी ही भयानक होती।
अंत में जो समय बीता बहुत ही सुंदर है बस उसी को याद रखना चाहते है। बाद अंत में जो समय बीता बहुत ही सुंदर है बस उसी को याद रखना चाहते है। बाद
पेड़ लगाने को प्रेरित करती रचना पेड़ लगाने को प्रेरित करती रचना
ये आजकल शुक्रिया कौन कहता है ये आजकल शुक्रिया कौन कहता है
धरा के मुँह से तेज आग की लपट निकलने लगी और आँखों से रक्त का धार धरा के मुँह से तेज आग की लपट निकलने लगी और आँखों से रक्त का धार
"समधीजी, मेरी बेटी को सुख न दे सको तो थोड़ा जहर दे देना। वो दुख नहीं सह पाएगी।" "समधीजी, मेरी बेटी को सुख न दे सको तो थोड़ा जहर दे देना। वो दुख नहीं सह पाएगी।"