धरा के मुँह से तेज आग की लपट निकलने लगी और आँखों से रक्त का धार धरा के मुँह से तेज आग की लपट निकलने लगी और आँखों से रक्त का धार
मेरी श्रेष्ठ कृति का एक अंश , जो अंतिम पंक्तियों का विवश रख कर नायक/नायिका की पहचान के लिये मुग्ध रख... मेरी श्रेष्ठ कृति का एक अंश , जो अंतिम पंक्तियों का विवश रख कर नायक/नायिका की पह...