स्वार्थ और भूख के लिए मिटाना ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देना है। स्वार्थ और भूख के लिए मिटाना ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देना है।
प्रकृति देखने में जितनी आकर्षक होती उसकी अकर्मकता उतनी ही भयानक होती। प्रकृति देखने में जितनी आकर्षक होती उसकी अकर्मकता उतनी ही भयानक होती।
गंगा की तरह हमारा मन भी निर्मल और निश्छल होना चाहिए, तभी हम उनकी तरह पवित्र हो पाएंगे। गंगा की तरह हमारा मन भी निर्मल और निश्छल होना चाहिए, तभी हम उनकी तरह पवित्र हो प...
अरे ! नहीं मैडम बहुत सुन्दर, सलीकेदार समझदार और आपको प्यार करने वाली है। बच्चे भी अपके कितने क्यूट ह... अरे ! नहीं मैडम बहुत सुन्दर, सलीकेदार समझदार और आपको प्यार करने वाली है। बच्चे भ...
मैंने गंगा के अंदर निर्मल तट पर लाशों को जलते देखा है। मैंने गंगा के अंदर निर्मल तट पर लाशों को जलते देखा है।
मेरी सांसों के तार टूट जाएं इससे पहले मुझे कुछ सांसें दे उधार करो मुझ पर उपकार। मेरी सांसों के तार टूट जाएं इससे पहले मुझे कुछ सांसें दे उधार करो मुझ पर उपकार।