लेकिन क़ायनात ने उसे साइड पर धीरे से धक्का मारा और आगे बढ़ गयी श्रेया के साथ। लेकिन क़ायनात ने उसे साइड पर धीरे से धक्का मारा और आगे बढ़ गयी श्रेया के साथ।
इसी तरह जब ज़िंदगी में हमें धक्के लगते हैं लोगों के व्यवहार से~! इसी तरह जब ज़िंदगी में हमें धक्के लगते हैं लोगों के व्यवहार से~!
वो आज भी महसूस करती है उस मचलन को। वो आज भी महसूस करती है उस मचलन को।
बाद में सब उस रूम को छोड़ कर कही और रहने लगे। बाद में सब उस रूम को छोड़ कर कही और रहने लगे।
एक खूबसूरत सी पेंटिंग को मैं सहेज कर ना रख पायी। एक खूबसूरत सी पेंटिंग को मैं सहेज कर ना रख पायी।
अगर लोगों की भीड़ ने मनस्वी को अस्पताल नही पंहुचाते तो ? अगर लोगों की भीड़ ने मनस्वी को अस्पताल नही पंहुचाते तो ?