हम्म्म्म..... "और तुम भी सुनो... अब मैं तुम्हारा साथ कभी नही छोडूँगी। आई प्रॉमिस।" हम्म्म्म..... "और तुम भी सुनो... अब मैं तुम्हारा साथ कभी नही छोडूँगी। आई प्रॉमिस...
खिड़की से अंदर देखने की कोशिश की तो मेरी रीढ़ की हड्डी तक सनसनाहट दौड़ गयी। खिड़की से अंदर देखने की कोशिश की तो मेरी रीढ़ की हड्डी तक सनसनाहट दौड़ गयी।
लेखक: निकोलाय नोसव अनु. : आ. चारुमति रामदास लेखक: निकोलाय नोसव अनु. : आ. चारुमति रामदास
सुनयनीं को निहत्था देख अपने ही डरपोक दोस्त पर हँस पड़े सुनयनीं को निहत्था देख अपने ही डरपोक दोस्त पर हँस पड़े
ऐसा कौन है जो हमें न देखे इस जहां में ऐसा कौन है जो हमें न देखे इस जहां में
कहीं कोरोना हो गया तो इलाज कहाँ से कराऊँगा? कहीं कोरोना हो गया तो इलाज कहाँ से कराऊँगा?