वहां सब तरफ समृद्धि की धूप ही धूप फ़ैली है। विपन्नता के अंधेरे कहीं भी नहीं हैं। वहां सब तरफ समृद्धि की धूप ही धूप फ़ैली है। विपन्नता के अंधेरे कहीं भी नहीं हैं।
दादाजी दादी को बोले चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात दादाजी दादी को बोले चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात
मैं ग़लत पते पर आ गई हूँ मुझे अफ़सोस है और वो यह कह के वहाँ से चली गयी मैं ग़लत पते पर आ गई हूँ मुझे अफ़सोस है और वो यह कह के वहाँ से चली गयी
मेरे हिसाब से 12 घण्टे हो चुके हैं लेकिन सवेरा होने के बजाय अंधेरा गहराता ही जा रहा है मेरे हिसाब से 12 घण्टे हो चुके हैं लेकिन सवेरा होने के बजाय अंधेरा गहराता ही जा ...
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
खैर हम सभी ट्रेन के घुप्प अंधेरे से डूबे एक बोगी में जाकर अपना स्थान ग्रहण किया खैर हम सभी ट्रेन के घुप्प अंधेरे से डूबे एक बोगी में जाकर अपना स्थान ग्रहण किया