कुछ भूल आया पिछले किनारे कुछ भूल आया पिछले किनारे
वो अंकल मेरे उतरने से पहले ही उतर चुके थे। मैं उन्हें आज भी याद करती हूँ। वो अंकल मेरे उतरने से पहले ही उतर चुके थे। मैं उन्हें आज भी याद करती हूँ।
इस कहानी को पढ़ने से पहले इस कहानी के पिछले आठ भागों को पढ़ें। अब तक...... सहस्र बाहु ... इस कहानी को पढ़ने से पहले इस कहानी के पिछले आठ भागों को पढ़ें। अब तक........
सोचा ऐसे भी मरना है तो जीने का क्या फ़ायदा। सोचा ऐसे भी मरना है तो जीने का क्या फ़ायदा।
बस, झगड़ा होने ही वाला था जो कि अव्यवहारिक रूप भी ले सकता था। तभी मेरे मन में कुछ हलचल पैदा हुई। बस, झगड़ा होने ही वाला था जो कि अव्यवहारिक रूप भी ले सकता था। तभी मेरे मन में कुछ...
दोस्ती, कुछ तो बात है इस लफ्ज़ में वरना यूहीं नहीं कोई अनजान से खास बनता। दोस्ती, कुछ तो बात है इस लफ्ज़ में वरना यूहीं नहीं कोई अनजान से खास बनता।