Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

niranjan niranjan

Others

3  

niranjan niranjan

Others

टूटता विश्वास

टूटता विश्वास

3 mins
114



मधु ने अपनी स्कूटी उठाई और बाजार की ओर चल दी क्योंकि मम्मी उससे रसोई का सामान मंगाने के लिए बोला था और वह भूल गई और लेट हो गई थी।मधु एक होनहार लड़की थी वह इंटर पास कर अबकी बार पास के कॉलेज में एडमिशन लिया था मधु का स्वपन था कि वह पढ़कर अध्यापिका बनना चाहती थी।जैसे ही वे सब्जी मंडी से बाहर आई तभी एक औरत उसकी स्कूटी के सामने आई और रोते हुए कहने लगी 

“मुझे आप पास के हॉस्पिटल छोड़ दो मेरे पति वहां पर सीरियस हैं।” मधु भी उस तरफ जा रही थी उसको दया आ गई और मधु ने उसको बैठा लिया।

मधु स्कूटी ले आगे बढ़ रही थी और अगले चौराहे पर पुलिस ने उसको रोक लिया और कहने लगे” तुम भी ऐसा गलत काम करती हो शर्म नहीं आती एक इज्जत दार घर से लगती हो अगर पढ़ाई लिखाई में ध्यान दिया होता तो आज कहीं ना कहीं नौकरी कर रही होती।“यह सब कह कर पुलिस ने उसकी स्कूटी को साइड में लगा दिया।

 मधु अभी भी कुछ नहीं समझी थी वह यह देखकर अवाक रह गई कि यह क्या हो रहा है। उसको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था क्योंकि मधु ने कभी ऐसा देखा नहीं था और कभी सोचा नहीं था कि ऐसा कुछ होता है जैसा कि पुलिसवालों ने उनसे कहा था।

 पीछे बैठी चंपा धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी पुलिस ने कहा” चंपा तूने धंधे में कौन सा तरीका अपना लिया है जो इतनी जवान बच्चियो से ऐसे गलत काम करवाती हो। आप इन्हें कौन सा लोभ देती हो जो यह आपकी तरफ खींचा आती हैं।“अब मधु सबको समझ गई थी मधु जैसे ही बोलने का प्रयास करती है पुलिस वाले ने उसे डांट कर चुप कर दिया और मधु रोने लग गई कि जिसने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था आज उस पर यह आरोप लग रहे हैं।क्योंकि जो पीछे बैठी चंपा देह व्यापार चलाती थी और ना जाने ऐसे कितने बच्चियो को नए नए ढंग से अपने जाल में फंसाती थी।

पुलिस ने मधु के पापा को बुलाया जोकि एक स्कूल के अध्यापक थे आज छुट्टी होने की वजह से वह घर पर ही थे। पुलिस ने सारी बात मधु के पापा को बताई परंतु मधु के पापा को पुलिस की बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था और मधु पर एक आरोप लगाया जा रहा था। पर करे तो क्या करें?

मधु रोते हुए बार-बार यही कह रही थी कि "मैंने इसकी हेल्प की है उसको हॉस्पिटल आना था क्योंकि यहां पर इसका पति बीमार था और मैंने मानवता के नाते इसको लिफ्ट दी थी मेरी कहां गलती है। यदि उसने झूठ बोला तो मैं कहां गलत हूं क्योंकि चंपा ने उससे झूठ ही बोला था।"

 मधु का पापा मधु को घर ले आए परंतु मधु के दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि वह कहां गलत थी जिस पर इतना बड़ा आरोप लगा। आज मधु ने मानवता को मरते हुए देखा था।वह बार-बार उस दृश्य को सोच रही थी।उसके मन में बार-बार आ रहा था की उसकी गलती नहीं होने पर भी उसे कितनी बड़ी सजा दी। अब वह मायूसी रहने लगी थी।


हमें अपने जीवन में सावधानी बरतनी चाहिए । हमारी मानवता बनती है कि हम लोगों की सेवा करें वही काम मधु ने किया था।

 

  



Rate this content
Log in