Ragini Pathak

Children Stories Inspirational Others

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Ragini Pathak

Children Stories Inspirational Others

शिक्षक

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अरे! एस.पी सुरेश साहब बड़े ईमानदार ऑफिसर है उनके पास आप अपनी शिकायत ले के जाइये। वो जरूर सुनेंगे। अभी सिर्फ एक सप्ताह हुए उनको यहाँ आये हुए। लेकिन पूरे जिले में अपनी ईमानदार छवि और व्यवहार की वजह से सभी के दिलों में राज कर रहे है।

अच्छा देखता हूं 62 साल के बुजुर्ग रामलाल जी जब पुलिस स्टेशन पहुँचे । तो सिपाही ने कहा "इंतजार करना होगा। सर अभी बाहर गए हैं।"


बाहर बैंच पर बैठे बैठे रामलाल जी को सुबह10 बजे से दोपहर के तीन बज गए। तभी गाड़ी के रुकने की आवाज आयी। पता चला एस.पी साहब आ गए।

रामलाल जी की निगाहें इधर उधर देखने लगी। तभी एक नौजवान ने उनके चरणों को छुआ। प्रणाम! मास्टर जी।

सब की नजरें रामलाल जी को देखने लगी। क्योंकि उनके पैर एस.पी साहब ने छुए थे।

रामलाल जी आश्चर्य से देखने लगे। चेहरा जाना पहचाना तो लग रहा था लेकिन कुछ भी याद नहीं आ रहा था कि कहा देखा है।

आदर के साथ सुरेश उनको अपने चेम्बर में ले गए। और चाय पानी कराया। क्योंकि सुबह से वो वहाँ बिना खाये पिये बैठे हुए थे।


साहब! इतना सम्मान मुझ जैसे मामूली इंसान को। क्यों ?

मास्टर जी आप खुद को मामूली कह रहे है। आप जैसा गुरु तो उस सूर्य के समान है जो छात्र के जीवन से अंधकार मिटा के प्रकाश भर देता है। और मेरी ये प्रसिद्धि और कुर्सी तो आप के ही दिए गए ज्ञान के कारण है। उस दिन आपकी वो बात मेरे दिल दिमाग मे ऐसी बैठी की मेरी पुरी दुनिया ही बदल गयी।

आपको शायद याद नहीं उस समय आप गोरखपुर के सरकारी विद्यालय में पढ़ाते थे। नौवीं की छमाही की परीक्षा में आपने मुझे नकल करते हुए पकड़ा। लेकिन

सिर्फ पर्ची ले के और नई कापी पर शुरू से सभी प्रश्नों के उत्तर लिखने को कहा।


तब मैंने आपसे कहा "मास्टर जी अगर मैं पास नहीं हुआ तो मुझे बाबूजी बहुत मरेंगे। उन्होंने मुझे कहा है कि अगर तू अच्छे नम्बरों से पास नहीं हुआ तो तुझे भी मजदूरी करने चलना पड़ेगा मेरे साथ। और तेरी पढ़ाई बंद।"

तब आपने मुझसे कहा "सुरेश! तुम अगर नकल करके आज अच्छे नम्बर लाकर पास हो गए तो भी क्या बदल जायेगा तुम्हारे जीवन में। होगा सिर्फ ये की तुम अपनी पिता जी के डाँट से बच जाओगे। और अच्छे नम्बर लाने से तुम्हारा स्कूल और मुहल्ले में नाम होगा बस।"

लेकिन इसका नुकसान पता है तुम्हें... इससे तुम्हें हमेशा नकल करने यानी चोरी की आदत पड़ जाएगी। तुम मेहनत करना छोड़ दोगे। और तुम्हारा ज्ञान भी अपने विषय पर कमजोर ही रहेगा। जिससे तुम्हारे आगे की राह और मुश्किल हो जाएगी।"


सुरेश एक छात्र को अपने जीवन में मेहनती अनुशासित और ईमानदार होना चाहिये। तभी वो भविष्य में भी सफलता और सम्मान प्राप्त कर सकता है।

बेटा !पास होने या अच्छे नम्बरों से ज्यादा जरूरी हैं तुम्हारे पास ज्ञान होना।


उस परीक्षा में मैं फेल हो गया सिर्फ नम्बरों से लेकिन अपने मन में दृढ़ संकल्प कर लिया कि अब अपनी जीत सुनिश्चित करनी है। और आपके कहे अनुसार ही चलना है। और आज एक मजदूर का बेटा एस पी बन गया। मैंने बहुत कोशिश की आपको ढूंढने की लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा था। आज आपको यहाँ देख के ऐसा लगा जैसे मेरे भगवान मुझे मिल गए।


लेकिन आप यहाँ कैसे?

क्या बताऊँ बेटा घर में शादी थी ?और किसी ने सारे सोने के गहने और नकदी चोरी कर लिए। एक सप्ताह बाद बारात आनी है। बहुत परेशान था कोई रिपोर्ट भी नहीं लिखने को तैयार था तो आप के बारे में बताया किसी ने।

अच्छा! मैं देखता हूं चलिये आपको घर छोड़ दूँ। नहीं बेटा मैं चला जाऊंगा। इतना सम्मान देने के लिए धन्यवाद।


वरना हम मामूली शिक्षकों को कौन याद रखता है?

नहीं मास्टर जी आइये सुरेश ने अपने कार से ले जाकर उनको घर तक छोड़ा। और शादी के खर्चे में भी उनकी मदद की।

चोर उनके ही पड़ोस का लड़का निकला। जिसने अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए किए थे।

सबके बीच में मिले इस सम्मान की चमक रामलाल के चेहरे पर खुशी बन कर उभर रही थी।


दोस्तों सभी शिक्षकों को मेरा शत शत दंडवत नमन। एक अच्छा और ज्ञानी शिक्षक का विश्व निर्माण में बहुत बड़ा योगदान होता है। क्योंकि बिना शिक्षा के जीवन अंधकार मय होता है। हमेशा शिक्षकों का सम्मान करें,।


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