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Sheikh Shahzad Usmani

Others

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Sheikh Shahzad Usmani

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सात सहेलियाँ, सात रंग (लघुकथा)

सात सहेलियाँ, सात रंग (लघुकथा)

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"बार-बार मुझसे एक ही सवाल मत पूछो। पहले सात सहेलियों की यह तस्वीर देखो, फिर बताता हूँ तुम्हें कि मैं कल से अपसेट सा क्यों हूँ?" - बेडरूम में जाते हुए योगेन्द्र ने अपनी पत्नी से कहा।

"ये तो छह-सात लड़कियाँ हैं माँ दुर्गा मुद्रा में नृत्य करती हुई!"- पत्नी ने आश्चर्य से कहा।

"हाँ, ये वे सात सहेलियां हैं जो एक साथ मिलकर मेरे ग्रुप के लिए मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया करती थीं!"

"तो इनका तुम्हारे मूड से क्या संबंध है?"

"सम्बंध है न.. इनमें से एक लड़की बलात्कार पीड़िता थी, दूसरी ग़रीबी से पीड़ित, तीसरी अत्यंत आधुनिक और रईस परिवार से संबंधित थी और चौथी एक बड़े अफ़सर की बेटी!"

"और बाक़ी तीन?"

"पाँचवीं बड़े नेता की बिगड़ैल बेटी थी, और छटवीं एक जाने-माने पंडित जी की धार्मिक प्रवृत्ति की बेटी थी"

"....और तस्वीर में जो सबसे आगे माँ दुर्गा की उग्र नृत्य मुद्रा में है, वह कौन है?"

"वह एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी, क्रांतिकारी विचारधारा वाली सक्रिय समाज सेविका है, एक मामूली से शिक्षक की बेटी जो दुर्गा नाम से चर्चित रही है!"

"दुर्गा!"

"हाँ, उसने महिला अत्याचारों के ख़िलाफ़ एक "दुर्गा मण्डली" बना रखी थी, जो समय-समय पर मेरे ग्रुप के लिए नुक्कड़ नाटक, और मंचीय कार्यक्रम दिया करती थी !"

"लेकिन तुम्हारे अपसेट होने का कारण आख़िर है क्या?"

"यह प्रतिभाशाली लड़की कल मुझे एक बड़े मंचीय कार्यक्रम में मिली, उसकी सभी छह सहेलियां सफल वैवाहिक जीवन जी रही हैं, लेकिन वह अविवाहित रह गई!"

"लेकिन क्यों? कहीं तुम ... ?"- योगेन्द्र की पत्नी ने व्यंगात्मक लहज़े में पूछा।

"वह लड़की यानी शबाना मुझे बहुत चाहती थी, लेकिन मज़हब आड़े आ गया। कल उसने मुझे बताया कि उसकी चार बार सगाई टूटी!"

"चार बार?"

"हाँ, पहली सगाई दहेज़ की माँग के कारण, दूसरी सगाई उसके दुर्गा के नाम से लोकप्रिय होने के कारण, तीसरी मंगेतर से विचार न मिलने के कारण और चौथी कट्टर मुसलमान मंगेतर की इस्लामी तौर-तरीक़ों और बुरके में रहने की माँग के कारण!"



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