शेख़ शहज़ाद उस्मानी, अशासकीय शिक्षक, नैमित्तिक रेडियो उद्घोषक, लेखक (लघुकथा/हाइकु/संस्मरण/बालसाहित्य आदि गद्य-पद्य रचनाकार) लेखक परिचय : साहित्यिक नाम - शेख़ शहज़ाद उस्मानी (Sheikh Shahzad Usmani) [शिक्षक, लेखक... Read more
Share with friendsठाकुर बल्देव सिंह ने राहत की साँस लेकर सीआइडी टीम को धन्यवाद दिया। रामगढ़ धन्य हुआ।
Submitted on 09 Dec, 2020 at 19:43 PM
सब के मन-मंदिर में एक ही भाव संचारित हो रहे थे।
Submitted on 06 Dec, 2020 at 20:34 PM
"इस सदी में अपने देश को ऐसे नवजागरण कराने वाले धार्मिक-स्थानों की ज़रूरत है, मेरे भाई !
Submitted on 06 Dec, 2020 at 19:24 PM
उससे वार्म-हैंडशेक करने ही वाला था कि डिस्टेंसिंग निभाते हुए उसने हाथों से अभिवादन कर व
Submitted on 05 Dec, 2020 at 19:54 PM
"दुनिया के नागरिकों का तुष्टिकरण करते रहना ही एकमात्र उपाय है।
Submitted on 03 Dec, 2020 at 13:49 PM
मैं ग़ुलाम हूं आपका मेरे आक़ा, काम की बात कीजिए
Submitted on 30 Nov, 2020 at 19:45 PM
पूरे विश्व में 'बाहुबली दि ग्रेट' और 'महान महेन्द्र बाहुबली' के नारे बच्चे-बच्चे की ज़ुब
Submitted on 30 Nov, 2020 at 18:37 PM
चौदहवें दिन की रात के समय वे दोनों उस अनमोल ख़ज़ाने के सामने थे।
Submitted on 29 Nov, 2020 at 18:21 PM
उसे उसके केबिन में धरती के समय अनुसार दो दिन रहना पड़ा।
Submitted on 28 Nov, 2020 at 18:21 PM
जहाँ पहले से ही बैठे एसीपी प्रद्युम्न ओर इंस्पेक्टर दयानंद (दया) को देखकर वे एकदम चौंक
Submitted on 27 Nov, 2020 at 18:28 PM
चाचा ने शरलॉक होम्स के कंधे पर हाथ रखते हुए भरोसा दिलाते हुए कहा।
Submitted on 26 Nov, 2020 at 18:56 PM
पहले तुम यह तो बताओ, तुम्हारे बॉस कौन हैं? बॉस को ही तुम आक़ा बोलते हो न
Submitted on 25 Nov, 2020 at 18:25 PM
विक्रम अपना मुँह बंद रखे हुए बेताल की कहानी सुनने लगे।
Submitted on 24 Nov, 2020 at 18:51 PM
जब मिस्टर ऐंथोनी के भाषण की बारी आयी तो उन्होंने हिंदी में भाषण देने की कोशिश की
Submitted on 23 Nov, 2020 at 18:01 PM
"वाह.. वाह क्या सीन है...आइ जस्ट रिमाइंड... मास्किंग, फिज़िकल डिस्टेंसिंग, सेनीटाइज़िंग ही वैक्सीन है!"
Submitted on 22 Nov, 2020 at 18:36 PM
"डैडी को कुछ मत बताना। आज मैं क्रिकेट खेलने नहीं, दोस्त हामिद के साथ ई़दगाह जा रहा हूँ।
Submitted on 21 Nov, 2020 at 18:35 PM
पहले वाले को भी कुछ उम्मीद बंधी थी, लेकिन दूसरे वाले का निराश चेहरा उससे देखा न गया।
Submitted on 20 Nov, 2020 at 16:28 PM
इस बार भक्तिजान का साथ भी उसे मिल रहा था क्योंकि अगला लक्ष्य एक युवती की रक्षा करना था
Submitted on 19 Nov, 2020 at 18:26 PM
टेबल पर काग़ज़ में ख़ूनी स्याही से सिर्फ़ इतना लिखा था - "जेडीजे. - जानी दुश्मन : दि जज"।
Submitted on 18 Nov, 2020 at 18:23 PM
यह कहते हुए पवन ने शशि को कम्बल के अंदर समेट लिया और वातावरण गरम होने लगा।
Submitted on 17 Nov, 2020 at 18:17 PM
वह तो यह समझने की कोशिश कर रहा था कि ये जिन्नात पढ़ी हुई किस किस्म के जिन्न हो सकते हैं।
Submitted on 15 Nov, 2020 at 18:20 PM
बहुत सी वजह हैं! परम्परा, रीति-रिवाज़, ख़ुशी का इज़हार और नकल का दस्तूर.
Submitted on 15 Nov, 2020 at 04:52 AM
"जीवन चलने का नाम... मेरे संग चलते रहो सुबहो-शाम।
Submitted on 14 Nov, 2020 at 16:26 PM
वे तीनों बड़ी ख़ुशी के साथ अपनी-अपनी कक्षाओं में पहुंच गये।
Submitted on 14 Nov, 2020 at 15:43 PM
ऑर्डर लेने वाला वेटर उन दोनों के हावभाव देखकर भांप गया था कि वे राजन और इक़बाल ही हैं।
Submitted on 14 Nov, 2020 at 04:58 AM
आज बहुत दिनों बाद तुमने मुझे कबूतर कोडनेम से पुकारा गिरगिट
Submitted on 13 Nov, 2020 at 18:21 PM
जेठालाल जी, इन्हें महिला साहित्यकारों की तस्वीरों से ही प्रेरणा मिलती है!
Submitted on 12 Nov, 2020 at 17:42 PM
बसंती का घोड़ा सारा माज़रा समझ चुका था। पहले उसने ग़ब्बर सिंह पर पीछे से हमला कर दिया !
Submitted on 10 Nov, 2020 at 17:49 PM
"मम्मा, आपको तो एक बेटा चाहिए था पहली संतान के रूप में; लेकिन मैं आ गई।
Submitted on 09 Nov, 2020 at 16:02 PM
खादी से गांँधी को कोई कितना भी दूर कर दे, लेकिन उनकी दी ये लाठी मुझे संबल देती है!
Submitted on 08 Nov, 2020 at 17:45 PM
गांधी जी के तीनों बन्दरों की बात कर रहे हो
Submitted on 08 Nov, 2020 at 10:58 AM
लड़की भीड़ के बीच बहुत ही सुरीले सुर में गीत गा रही थी - "सुल्ताना.. सुल्ताना मेरा नाम है
Submitted on 07 Nov, 2020 at 18:22 PM
हमें यह सीखना चाहिए कि वेस्ट मटेरियल से भी क्रिएटिविटी की जा सकती है।
Submitted on 06 Nov, 2020 at 17:46 PM
उसके पहले ही उसने उस निर्लज्ज को सबक़ सिखा दिया था!
Submitted on 05 Nov, 2020 at 17:23 PM
सने महिला अत्याचारों के ख़िलाफ़ एक "दुर्गा मण्डली" बना रखी थी
Submitted on 05 Nov, 2020 at 12:58 PM
मैं दशानन नहीं जी, नयी सदी का शतानन... सहस्त्रानन हूँ... विकासोन्मुखी हूं... हा हा हा ह
Submitted on 04 Nov, 2020 at 17:28 PM
"ये जनता भी कोई जनता है छोटू!" अमिताभ ने टेलीविज़न की आवाज़ धीमी करते हुए मिठुन से कहा!
Submitted on 04 Nov, 2020 at 12:33 PM
लोग मुझे अकेलापन कहते हैं, सृजक या शैतान या विध्वंसक कहते हैं
Submitted on 03 Nov, 2020 at 19:07 PM
मुझे तो सब समझ में आता है। लर्न बाई फ़न एण्ड लर्न विद़ फ़न!"
Submitted on 02 Nov, 2020 at 16:01 PM
आप परेशान न हो दादा जी! आप अपने काम से काम रखिये! मुझे कोई परेशानी नहीं
Submitted on 01 Nov, 2020 at 05:28 AM
हमारे युवाओं में तो ऐसी देशभक्ति है कि दे केन लीव ऐनी समस्या बिहाइंड!"
Submitted on 31 Oct, 2020 at 19:13 PM
लेकिन यूँ तुरंत-फुरंत नूडल्स तैयार कर पाठकों को खिलाते रहते हो
Submitted on 25 Oct, 2020 at 10:01 AM
"ये जो लाल जोड़ा है न, बस यही लड़कियों के जी का जंजाल है!"
Submitted on 24 Oct, 2020 at 16:25 PM
फ़िर सभी टेबल पर अपने-अपने चम्मच ठोकने लगे और 'बैरे' को महंँगे 'आइटम्स' के ऑर्डर देने लग
Submitted on 18 Oct, 2020 at 06:51 AM
"ये चक्का कोई सुदर्शन चक्र थोड़े न है! ये तो समय का चक्र है
Submitted on 16 Oct, 2020 at 18:14 PM
लोकतांत्रिक जनता का समग्र जादू अभी बाक़ी है!" जादू ने पाँचवें स्तंभ को दूर से निहारते हु
Submitted on 30 Sep, 2020 at 18:47 PM
नयी पीढ़ी ने अपने अनुभव आधारित कुतर्क करना शुरू कर दिया- "गांँधी अब हमारे लिए प्रासंगिक नहीं हैं!
Submitted on 24 Sep, 2020 at 15:18 PM
नाराज़ प्रकृति ने सन 2070 ई. में पहुँचे अतिविकसित उस मानव से पूछा!
Submitted on 16 Sep, 2020 at 18:46 PM
अबकी बार सबके साथ सभी कन्फ़्यूज़न में हैं मासाब, है न।"
Submitted on 12 Sep, 2020 at 15:25 PM
अल्लाह सबको ऐसा शौहर और ऐसी औलाद दे।
Submitted on 04 Sep, 2020 at 00:16 AM
इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो भी ग़रीब मरीज़ों के काम न आ पाने का उसे बहुत मलाल था।
Submitted on 20 Aug, 2020 at 17:32 PM
सब अंडरस्टैंडिंग की बात है! जानकारी सभी को है... लेकिन देशभक्ति का सेन्स नहीं है!"
Submitted on 15 Aug, 2020 at 14:38 PM
नैया संग बहक रही, सवार की पतवार। आँधी कुछ ऐसी चली, आज़ादी पर वार।
Submitted on 14 Aug, 2020 at 14:17 PM
महिला ने प्रत्युत्तर में कहा और फ़िर तेज़ हाथ चलाते हुए अपने काम में जुट गई।
Submitted on 14 Aug, 2020 at 08:31 AM
वह बहुतों के चेहरों और करिअर के लिए आइना या मैग्नीफाइंग ग्लास सी बन गई थी।
Submitted on 08 Aug, 2020 at 19:42 PM
जब हममुल्क हैं ही, तो हमें अच्छी बातें एक-दूसरे से सीखने और सिखाने में ही हमारी बेहतरी
Submitted on 30 Jul, 2020 at 20:22 PM
"तुम्हारा किया तिलक फीका था इस राखी और पट्टी के आगे! रक्षाबंधन मुबारक हो तुम दोनों को!
Submitted on 30 Jul, 2020 at 20:01 PM
"मना किया था ना... मत जाना बालकनी पर! नीचे टपकना है क्या! कितनी बार डिस्टर्ब करेगा मुझे
Submitted on 30 Jul, 2020 at 19:39 PM
मुनमुन ने फ़ुर्ती से बिस्तर छोड़कर अपनी दिनचर्या शुरू कर दी।
Submitted on 11 Jul, 2020 at 01:35 AM
वहाँँ उसे उस छोड़े गये रास्ते पर पछतावा तो न होगा !
Submitted on 29 Jun, 2020 at 09:03 AM
उधर अगले कालखंड की घण्टी बजी और इधर सबके दिमाग़ की।
Submitted on 04 Mar, 2020 at 17:48 PM
उस मित्र ने टेलीविज़न बंद करते हुए तपाक से कहा, "कारवाँ लेकर चला था सफ़र में....
Submitted on 02 Mar, 2020 at 20:47 PM
मम्मी उसे देखकर उसकी नन्ही स्मार्टनेस पर ख़ुश होकर मुस्कराये जा रहीं थीं।
Submitted on 02 Mar, 2020 at 19:24 PM