मन की भाषा

मन की भाषा

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"निर्मला स्कूल से रोते हुए आई", उसके शरीर पर सफेद दाग की वजह से बच्चों ने बुरी तरह चिढ़ाया था , उसने मन में सोचा कि मां तो इस दुनिया में है नहीं, तो मेरी व्यथा समझेगा कौन ?

इतने में आवाज़ सुन दूसरी मां आस्था आई, "प्यार से पुचकारते हुए रोने का कारण पूछा" मां की आँखें भर आईं ।

उसका रोना थमा नहीं, इतने में आस्था ने कहा "मैं समझ गयी बेटी " रो मत। रो कर नहीं, ऐसे लोगों को करारा जवाब देना होगा। मैंने मन की भाषा समझी बेटी तेरी, आखिर मां जो हूँ ।


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