ऐसा ही रामल है, वो एक मज़दूर है लेकिन एक पिता है। ऐसा ही रामल है, वो एक मज़दूर है लेकिन एक पिता है।
आंटी, सब ऐसे ही कह देते हैं। पर हमें सब काम आता है। हमें रख लो न आंटी। आंटी, सब ऐसे ही कह देते हैं। पर हमें सब काम आता है। हमें रख लो न आंटी।
खारा पानी...! खारा पानी...!
एक 'लोहे के कम्पूटर वाले चौकीदार' ने एक सजीव हांड मास वाले चौकीदार एवं उसके बच्चों की इच्छाओं का कत्... एक 'लोहे के कम्पूटर वाले चौकीदार' ने एक सजीव हांड मास वाले चौकीदार एवं उसके बच्च...
नियति से कोई कब तक लड़ेगा साहब...! नियति से कोई कब तक लड़ेगा साहब...!
जितनी आज श्याम की चमकती और मुस्कुराती आँखों को देखकर हुई। जितनी आज श्याम की चमकती और मुस्कुराती आँखों को देखकर हुई।