अपनी महानता दिखाने के लिए उन्हें हीन दर्शाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। अपनी महानता दिखाने के लिए उन्हें हीन दर्शाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते।
जितनी आज श्याम की चमकती और मुस्कुराती आँखों को देखकर हुई। जितनी आज श्याम की चमकती और मुस्कुराती आँखों को देखकर हुई।
जबकि उस छोटे बच्चे ने अपना हिस्सा भी ख़ुशी-ख़ुशी दूसरों को दे दिया था। जबकि उस छोटे बच्चे ने अपना हिस्सा भी ख़ुशी-ख़ुशी दूसरों को दे दिया था।
ऐसा कहकर दीपाली अपना सामान पैक करने लग गयी थी। ऐसा कहकर दीपाली अपना सामान पैक करने लग गयी थी।