कर भला तो हो भला
कर भला तो हो भला
"आज तो माँ को आते हुए बहुत देर हो गयी। अभी तक तो आ जाना चाहिए था। कल मेरा टेस्ट भी है। भारत के सभी राज्यों की राजधानियों के नाम याद करने हैं।अँधेरा भी होने वाला है। हमारे घर में तो बिजली भी नहीं है। इस बार तो राशन से केरोसिन भी नहीं मिला ,लालटेन भी नहीं जल पाएगी। ",अपनी छोटी बहिन को सम्हालते हुए ,कक्षा 4 में पढ़ने वाला सोहन सोच रहा था।
सोहन के पिता की मृत्यु हो चुकी थी। उसकी माँ कपड़े बनाने की फैक्ट्री में काम करती थी। स्कूल से आने के बाद सोहन अपनी 1 वर्षीय छोटी बहिन को सम्हालता था। सोहन पढ़ने-लिखने में अच्छा था। वह सुबह उठकर भी घर के कामकाज में अपनी माँ की मदद करता था। स्कूल से आने के बाद अपनी छोटी बहिन मुनिया को सम्हालता था। उसकी माँ भी अपने दोनों बच्चों को बेहतर परवरिश देने के लिए बहुत मेहनत करती थी।
सोहन की माँ हमेशा उस यही सिखाती थी कि ,"बेटा ,मेहनत से कभी जी मत चुराना। जितना हो सके दूसरों की सहायता करना। जब हम अच्छा करते हैं तो हमारे साथ भी अच्छा ही होता है। "
"अरे बेटा ,आज काम थोड़ा ज्यादा था। आने में देर हो गयी। मुनिया ने तुझे तंग तो नहीं किया। "घर में घुसते ही सोहन की माँ ने मुनिया को गोदी में लेते हुए कहा।
"नहीं माँ। ",सोहन ने कहा और अपनी किताबें लेकर पढ़ने बैठ गया।
सोहन की माँ मुनिया को सम्हालते हुए खाना बनाने लग गयी।
सोहन के घर के सामने ही पानी का नल था। नल पर एक बुजुर्ग औरत पानी भरने के लिए आयी। मुनिया को सुलाने के लिए आयी ,सोहन की माँ ने खिड़की से उस औरत को देखते हुए सोहन से कहा कि ,"बेटा ,कितनी बुजुर्ग औरत हैं ?बेचारी कैसे पानी की बाल्टी अपने घर लेकर जायेगी ?"
सोहन ने खिड़की से बाहर देखा। बुजुर्ग औरत पानी से भरी हुई बाल्टी नहीं उठा पा रही थी ;उसने इधर -उधर कातर नज़रों से देखा ;लेकिन वहाँ कोई मददगार नज़र नहीं आया।
"माँ ,हमें उनकी मदद करनी चाहिए। आप यहाँ मुनिया का ध्यान रखो ;मैं उन दादी की मदद करके आता हूँ। ",सोहन ऐसा कहकर बाहर चला गया था।
सोहन बुजुर्ग महिला के पास पहुंचा और उसने वह पानी की बाल्टी उठाने में उनकी मदद की और उन्हें उनके घर तक छोड़कर आया। लौटते हुए रात हो गयी थी। सोहन अब पढ़ाई नहीं कर सकता था। वह खाना खाकर सो गया।
सपने में सोहन ने देखा कि ,वह बुजुर्ग महिला उसे भारत की विभिन्न राज्यों की राजधानियों राजस्थान की जयपुर,उत्तरप्रदेश की लखनऊ,मध्यप्रदेश की भोपाल,मणिपुर की इम्फाल ,अरुणाचल प्रदेश की ईटानगर ,असम की दिसपुर ,पंजाब की चंडीगढ़ आदि की सैर कराकर लायी है।
सोहन की नींद खुल गयी थी ;उसने अपनी भूगोल की किताब निकाली और कुछ देर पढ़ने के बाद ही उसे सभी राज्यों की राजधानियों के नाम याद हो गए थे। वह समझ गया था कि "कर भला तो हो भला।"
