Manju Singhal

Others

4.2  

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कोविड, कुछ अच्छा भी है

कोविड, कुछ अच्छा भी है

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सन 2020 आया। नया साल शुरू हुआ उसी जोश खुशी और सेलिब्रेशन के साथ। लगा था सब अच्छा ही होगा। सब ठीक ही चल रहा था ऐसा लगा नहीं कि 2020 में ऐसा कुछ होने जा रहा है जो अपने आप में एक इतिहास बन जाएगा। जनवरी आज सालों की तरह ही था ठंडा पर खुशनुमा। उड़ती उड़ती चर्चा थी चीन के वुहान में कोई वायरस फैल रहा है जो बड़ा घातक है। उसका नाम सुना गया कोरोनावायरस या कोविड-19। ऐसा सुना चमगादड़ और चीन में खाए जाने वाले समुद्री जीवो से फैला है। यह इतनी तेजी से फैला की बुहान में लॉक डाउन कर दिया गया। सब कुछ बंद। हमारे यहां भी कुछ कुछ बेचैनी फैलने लगी थी। मार्च के शुरू में होली घरों के अंदर ही खेली गई सरकार का आदेश था कि बाहर झुंड में ना निकले। पर यह वायरस कितनी तेजी से फैलने शुरू हुआ पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया डब्ल्यूएचओ ने इसे महामारी घोषित कर दिया। भारत मे भी इसने पैर पसारने शुरू किए और 25 मार्च को संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। ऑफिस बाजार मॉल सिनेमा स्कूल फैक्ट्री सब बंद। सभी अपने घरों में बंद। सड़कें सोनी बाजार विरान। पूरा देश मानो शापित शहर की तरह वीरान हो गया हो। अस्पतालों में जगह नहीं रही दवाइयों की कमी पड़ गई आर्थिक संकट गहराने लगा करोना के आंकड़े आंकड़े बढ़ते रहे और लॉक डाउन का समय भी। बुजुर्ग लोग बताते हैं कि उन्होंने महामारी भी देखी विश्व युद्ध भी देखा अकाल भी देखा ऐसा लॉक डाउन तबाही नहीं देखी।

दहशत इतनी अपनों से भी डर लगने लगा। इतनी संक्रामक बीमारी कोरोना की पीड़ित व्यक्ति के शव को भी कोई छूता नहीं। अर्थी को कंधा देने वाले 4 लोग नहीं मिल रहे हैं। श्मशान में जगह नहीं बची सगे संबंधी शव लेने से बच रहे हैं। हर इंसान जैसे पिंजरे में बंद हो गया है अभूतपूर्व ना कभी ऐसा देखा ना सुना सब कुछ बहुत भयानक है पर इस लॉकडाउन में ऐसा भी कुछ हुआ है जो अच्छा है। सबसे बड़ी बात ओजोन परत में जो छेद हो गया था अजीज तक पूरे विश्व में बहस चल रही थी कि कार्बन उत्सर्जन कम करो और कुछ हो नहीं पा रहा था वह ओजोन परत का छेद खुद ही भर गया क्योंकि गतिविधियां ना होने से प्रदूषण रुक गया था हर जगह प्रदूषण समाप्त हो गया हवा इतनी शुद्ध क्या आज तक बच्चों ने इतनी साफ हवा में सांस नहीं ली। आसमान साफ नीला चमकीला दिखाई देने लगा कहीं चंडीगढ़ से हिमालय दिखाई देने लगा अरावली की पहाड़ियां दिखाई देने लगी। हमारी युवा पीढ़ी ने कभी आकाशगंगा चमकते तारे ध्रुव तारा देखे ही नहीं थे क्योंकि प्रदूषण की परत में सब कुछ भुला कर दिया था इस दौरान आकाश तारों से भरत हाल दिखाई देता था। कितने वर्षों बाद बारिश के बाद इंद्रधनुष दिखाई दिए आजकल के बच्चे तो इंद्रधनुष को देखना ही भूल गए थे। इंसान घरों में बंद था पर जानवर बाहर निकल आए हर की पैड़ी पर गजराज गंगा में स्नान कर रहे थे वनराज सड़क पर बैठे दिखाई दिए सड़कों पर घूमते हुए दिखाई दिए। गंगा इतनी निर्मल हो गई नीचे तल के पत्थर तक दिखाई देने लगे गंगा में डॉल्फिन खेलती नजर आने लगी। घर के सामने पार्क मैं लॉकडाउन के दौरान पक्षियों की हलचल बढ़ गई नए-नए पक्षी दिखाई देने लगे यह देखना बहुत सुखद है दूरदर्शन के दिन फिर गए एक बार फिर रामायण और महाभारत का डंका बजने लगा। लॉक डाउन की वजह से घरों में सब परिवार एक साथ समय बिताने लगा वरना इस भागती जिंदगी में किसी के पास समय कहां था। घरों में कैरम ताश लूडो व्यापार में बड़े और बच्चे सभी मस्त हैं कहीं गेम चल रहा है कहीं योगा। लोगों ने बाहर का खाना बंद करके का खाना शुरू किया जो स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा था। कुछ लोगों ने किचन गार्डन लगाना शुरू किया प्रकृति के प्रति लोगों की रूचि बहुत बढ़ गई साथ रहने से मन भी प्रसन्न होना शुरू हुआ चारों तरफ एक शांति व्याप्त हो गई और हां इसी बीच देश में अभूतपूर्व एकता भी देखने को मिली।

करोना योद्धाओं के लिए प्रधानमंत्री जी ने एक निश्चित दिन और निश्चित समय पर घंटा थाली संख्या ताली बजाने का आह्वान किया। और उस दिन पूरा देश एक ही समय पर शंख घंटी और थाली की आवाज से गूंजने लगा मानो पूरा मानो पूरा देश करुणा योद्धाओं का धन्यवाद कर रहा है। मन रोमांचित हो उठा। दूसरा टास्क कुछ समय बाद प्रधानमंत्री जी ने रात 8:00 बजे 5 दिए जलाने का दिया और प्रार्थना करने को कहा। चमत्कार! पूरे देश में गर्मियों में ही दिवाली हो गई हर धर्म के लोगों ने दिए जलाए ऐसी एकता इंसान को इस महामारी से लड़ने की हिम्मत देती है। और भी बहुत कुछ है जो अच्छा हुआ है इंसान अगर सबक याद रखें तो बहुत कुछ बदलाव ला सकता है इस महामारी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। हम अपने भागा दौड़ और जरूरतें कम करके भी खुशी भरी और चैन की जिंदगी भी जीत सकते हैं। बहुत ज्यादा हाय है करके अपनों का साथ ही छूट जाता है मिलता है खुशी दूर होती चली जाती है चैन से जीने का सबक हमें यह महामारी देती है कोरोना महामारी बहुत बुरी है पर इसमें ऐसा कुछ अच्छा भी हुआ है बहुत दिनों से नहीं हो पा रहा था चलो कुछ तो अच्छा नहीं हुआ यही आशा काफी है ईश्वर विश्व को इस महामारी से छुटकारा दिलाओ.



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