खामियाजा

खामियाजा

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खामियाजा का मतलब होता है परिणाम और आज की कहानी का विषय भी यही है। कई बार जीवन में करे कोई भरे कोई होता है हम बस हाथ ही मलते रह जाते है, या यह सोचते रहते कि काश ऐसा किया होता। पर कुछ वही कर पाते है। बस वही बैठे रह जाते है।हाँ तो आज की कहनी का नायक है सोमेश बस मीडीयोकर परिवार का खाना कमाना और मुँह खोल कर सोना पर पता नहीं कहाँ से नौकरी बढ़िया मिल गयी पर तो शादी भी बढ़िया हो गयी पर, विदुषी बीबी को सँभालना या यह आशा करना कि वह धर में बैठकर उसका इंतजार करे यही से मामला गड़बड़ा गया।

कुछ दिनों तक तो चुपचाप सहती रही पर धीरे वह अपना गाना गुनगुनाती या लिखती पढ़ती पहले तो किसी ने नहीं रोका पर जब तारीफ होने लगी या फोन आने लगे मैडम आप कहाँ है, आप को सुनना चाहते तो सोमेश को लगा कि चलो चार पैसे आयेगे पर कला से उसको कुछ लेना देना नहीं था, सुमी यानी बहुत बड़ी कलाकार बस माँ बाप के लिये समझौता किया शादी नहीं बस जिंदगी धीरे धीरे सरक रही थी। दोनो ही अपने माँ बाप के किये का खामियाजा भुगत रहे थे फिर दूरियाँ बढ़ती गयी बहुत कोशिश की गयी समझौता करने कि पर सुमी ने भी बहुत कोशिश की घर ना टूटे पर विधाता को शायद यही मंजूर था। दोनो का तलाक हो गया। दोनो ही खुश नहीं है पर बिना बेटी बेटे के राय की शादी का शायद यही हाल होता हैं पर यह घटना ने हमको हिला दिया पर बड़ा अफसोस लगता हैं कुछ कर नहीं पाये।


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