Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Shishpal Chiniya

Others

2  

Shishpal Chiniya

Others

हमारे भारत का भोजन

हमारे भारत का भोजन

3 mins
3.3K


"भारतीय खाना अपने भीतर भारत के सभी क्षेत्र, राज्य के अनेक भोजन का नाम है।"

"जैसे भारत मैं सब कुछ अनेक और विविध है, भारतीय भोजन भी उसी तरह विविध है।"

पूरब पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत का आहार एक दूसरे से बहुत अलग है।" भारतीय भोजन पर अनेक तत्वों का प्रभाव पड़ा है।"

जैसे उत्तर भारत में हम मुगलय प्रभाव देखते है। हर क्षेत्र का खाना दूसरे क्षेत्र से बहुत अलग होता है, यह भरतीय भोजन को अपनी एक निराला व अनोखा रूप देती है।

" पूरन पूरी हो या दाल बाटी, तंदूरी रोटी हो या शाही पुलाव, पंजाबी खाना हो या मारवाड़ी खाना, भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है ।"


"इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय पाये जाते हैं जो कि अत्यंत लोकप्रिय हैं। विदेशों में प्रायः सप्ताहांत अथवा अवकाशों पर भोजन के लिये लोग भारतीय भोजनालयों में ही जाना अधिक पसंद करते हैं।"

स्वादिष्ट खाना बनाना एक कला है, इसी कारणवश भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला कहा गया है। भारतीय भोजन विभिन्न प्रकार की पाक कलाओं का संगम है। इसमें पंजाबी खाना, मारवाड़ी खाना, दक्षिण भारतीय खाना, शाकाहारी खाना, मांसाहारी खाना आदि सभी प्रकार के भोजन आते है।


म्हारो प्यारो राजस्थान - जिसके बारे में मुझे जानने की जरूरत ही नहीं है क्योंकि मुझे तो विरासत मिली है ।

बाजरे की रोटी को पाव घी तो प्यास बुझाने के लिए चाहिए होता है। जितने में होटलों में कितने ही ग्राहकों को चुना लगा दिया जाता होगा।

म्हारे बाजरे की रोटी खाण क बाद में सौणु ही पड़। नहीं तो नींद की घैल आज्या।।राजस्थानी खाना विशेष रूप से शाकाहारी भोजन होता है और यह अपने स्वाद के कारण सारे विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में "बेसन, दाल, मठा, दही, सूखे मसाले, सूखे मेवे, घी, दूध का अधिकाधिक प्रयोग होता है।"हरी सब्जियों की तात्कालिक अनुपलब्धता के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में इनका प्रयोग कम ही रहा है।

मुख्यत: निम्न राजस्थानी खाने अधिक प्रचलित हैं।

"भुजिया, सान्गरी, दाल बाटी-चूरमा,पिटौर की सब्जी,दाल की पूरी

मावा मालपुआ, बीकानेरी रसगुल्ला, घेवर , हल्दी का साग-

हल्दी का साग, यह एक प्रकार की सब्जी हैं जो पश्चिमी राजस्थान में सर्दी के समय बनायीं जाती है। यह मुख्य रूप से देशी घी और हरी हल्दी से निर्मित होती है। इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियां डाली जाती है, हरा प्याज, लहसुन,टमाटर, धनिया, अदरक,हरी मिर्ची इत्यादि।"

हल्दी की सब्जी गेंहू की रोटियों के साथ खाया जाता है मुख्यरूप से और साथ में दही के साथ इसका स्वाद और बढ़ जाता है। हल्दी की सब्जी शरीर में गर्मी पैदा करती है, इसलिये इसे जाड़े के समय बनाया जाता है।"

"झाजरिया,लापसी,बालूशाही,गौंदी,पंचकूट,गट्टे की सब्जी, खिचड़ी, राबड़ी। आदिकैर, कुमटिया, सांगरी, काचर, बेर और मतीरे राजस्थान को छोड़कर तीनों लोकों में दुर्लभ है इनके स्वाद के लिए तो देवता भी तरसतें रहते है।


जैसे विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजन

कश्मीर    - "यखनी , कश्मीरी पुलाव , गुश्तावा" आदि

पंजाबी - "तंदूरी चिकन , सरसों का साग,मक्खदाल नी, छोले भटूरे

राजमा चावल" आदि।

उत्तरप्रदेश खाना - "दम पुख्त,बिरयानी,काकोरी कबाब,शामी कबाब, मलाई गिलौरी आदि

गुजराती- "ढोकला,खांडवी,लापसी,बाफला,थेपला,भाखरी' श्रीखण्ड,खमण,उधिया,फाफडा,गोटा आदि

महाराष्ट्र- "वड़ा पाव,श्रीखंड,भेलपूरी,पुरण पोळी,झुणका भाकर,

धनसाक,विंडालू, आदि।

केरल- "अप्पम,अवियल,फिश मोली आदि।

दक्षिण भारतीय-"इडली,सांभर, मैसूर पाक आदि।

आन्ध्र प्रदेश का पारम्परिक शाकाहारी भोजन- "हैदराबादी बिरयानी,हलीम,दाल गोश्त" आदि।

पूर्वी - "असम की थाली , भाप्पा इलिश , माछ झोल ,रसगुल्ला

संदेश (मिठाई) आदि।

पूर्वोत्तर - "मोमो , थुपका , फिश टेंगा आदि ।


और भी पूरे भारत का भोजन पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।





Rate this content
Log in