Shelly Gupta

Children Stories Inspirational Others

2.8  

Shelly Gupta

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दर्द होता है तभी कोई रोता है

दर्द होता है तभी कोई रोता है

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"लल्ला, हुश, चुप हो जा। क्या हुआ जरा सा गिरा ही तो है, लड़के रोया नहीं करते", दादी ने अपने पोते को बड़े ज़ोर से डांटा।


और लल्ला डर के मारे एक दम रोना भूल सा गया था कि तभी उसकी मां सामने से आ गई। 


"क्या हुआ मेरे लाल को, चोट लगी है क्या? ला मैं दवाई लगा दिन और फूंक मार दूं।"


"क्या कर रही है बहू, लल्ला को लड़कियों की तरह कमज़ोर मत बना। अभी से डराएगी तो ये आगे कैसे बढ़ेगा"?, सास ने अबकी बार बहू को भी डांटा।


"नहीं मांजी, डरपोक नहीं बनेगा ये रोने से बल्कि इसे समझ आएगा कि दर्द होता है तभी कोई रोता है। वरना ये भी आगे किसी के दुख को नहीं समझेगा", मां ने अपने चेहरे पर पड़े निशान को सहलाते हुए कहा।


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