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Bharat Bhushan Pathak

Others

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Bharat Bhushan Pathak

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डॉक्टर व उपचार

डॉक्टर व उपचार

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डॉक्टर जिन्हें पुरातन काल में भगवान का प्रतिरूप माना जाता था। आज कुछ एक को छोड़ शेष ने अपने इस गरिमामय स्थान को नष्ट कर दिया है।

मैं सभी की बात तो नहीं कर रहा, पर कुछ एक ने मेरे उपरोक्त लिखे शब्दों को अक्षरशः सत्य किया है।


डॉक्टर व जोंक-पुरातन काल में डॉक्टर का अर्थ चिकित्सक, वैद्य या हकीम होता था जिसका मूल कार्य होता था मानव सेवा व उसका स्वास्थ्य।

 परन्तु आज के इस परिवेश में यह डॉक्टर या डाक्टर बन कर रह गया है। जिसका विशेषार्थ जोंक की भाँति लिया जाए तो , इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं होगी।

जोंक का काम चूसना होता है और डॉक्टर भी मूलतः वही करते हैं।


चिकित्सक के रूप में डॉक्टर-चिकित्सक इन डॉक्टरों के विपरीत कार्य किया करते थे, उनका यह मानना था कि , मुझे कितनी भी क्षति पहुँच जाए, पर मेरे रोगी को तनिक भी क्षति ना पहुँचे।

इसका जीवन्त उदाहरण मेरे दादाश्री थे, जिन्हें मैंने देखा था कि वह रोगियों के स्वास्थ्य के लिए रात-रात भर जागकर उपचार हेतु औषधि बनाया करते थे, उनका काम केवल औषधि बनाना ही नहीं, अपितु उसका तबतक ध्यान रखना

होता था जबतक वह पूर्ण स्वस्थ न हो जाए।

यहाँ तक कि वो रोगी के घर तक जाकर उसका कुशल-क्षेम पूछ आते थे, क्या आज आपने ऐसा कहीं होते देखा है?

यदि हाँ तो कहाँ और नहीं तो इसपर विचार करने की आवश्यकता है।

एक विशेष बात इन चिकित्सकों में यह थी कि रोगी को पता तक नहीं चल पाता था कि उसे गम्भीर बीमारी भी है,  

उस रोगी के बारंबार पूछने पर भी उसे यह बताकर कि उसे कमजोरी मात्र है निःशुल्क औषधि देकर घर भेज दिया जाता था और वह स्वस्थ हो जाता था।

उसके रोग के प्रति यही अज्ञानता उसके लिए रामबाण का काम करती थी, पुरातन काल की यदि उपचार बही खोली जाएगी, तो उसमें रोगी के मृत्यु के अति अल्पतम आंकड़े आपको नज़र आएंगे।

यकीन मानें यदि रामायण इस युग की घटना होती और राम व लक्ष्मण साधारण मानव तथा वैद्यराज सुषेन का इस युग से लोप होता और उनके स्थान पर लक्ष्मण जी किसी डॉक्टर के उपचार के भरोसे रहते, तो यकीनन उनकी मूर्च्छा कभी नहीं टूटती क्योंकि उनकी मूर्च्छा टूटने ही नहीं दिया जाता। विभिन्न जाँच केन्द्रों के चक्कर लगाकर श्रीराम व हनुमान जी भी थकहार कर बैठ जाते!!!


डॉक्टर के लिए रोगी ए०टी०एम०- आज की इस डॉक्टरीय चिकित्सा पद्धति में रोगी डॉक्टर के लिए चलता-फिरता ए०टी०एम०है, जो डॉक्टर रूपी डेबिट कार्ड के इनपुट से कैश उगलने लगता है, मरता क्या नहीं करता विवशतावश वह अनवरत सोने की मुर्गी की भांति हलाल होता रहता है।


डॉक्टरी चमत्कार -इनके पास एक परम चमत्कारी शक्ति होती है जो मामूली जुकाम को भी इस हिन्दी वाले देश में अँग्रेज़ी बना जाती है, जिसके फलस्वरूप नाक के अन्दर बढ़े बाल के रगड़ से उत्पन्न होने वाले मामूली जुकाम को क्रॉनिक सिन्ड्रोम बनाकर उसपर करीब २५-३०जाँच ठोंक दी जाती है। जीवोत्पत्ति की मामूली प्रक्रिया को गम्भीर समस्या बता भावी माता-पिता को जानलेवा कदम उठाने पर इनके द्वारा विवश कर दिया जाता है।


डॉक्टरी पढ़ाई पर आए खर्चे की वसूली- ऐसा प्रतीत होता है कि इस डॉक्टरी पढ़ाई में जो भी खर्च इन्हें पढ़ा है ये मरीज की जान लेकर वसूल करने पर आमदा हों।

इसी वसूली की बलिवेदी पर स्वस्थ मानव और अस्वस्थ हो मृत्यु आलिङ्गन पर तत्पर हो जाता है।

पुरातन काल की अपेक्षा रोगी को टेस्ट के नाम पर पानी की भांति पैसा बहाने और अपने रोग का नाम बारंबार सुनने पर विवश कर दिया जाता है, जिसके फलस्वरूप स्वस्थ होने की उसकी बची-खुची आस और विश्वास टूट-सी जाती है। जिसके कारण वह इस संसार चक्र से समयपूर्व ही मुक्त हो जाता है।

डॉक्टरी अस्पताल व फाइव स्टार हॉटल-जिस भांति आप किसी होटल में भोजन हेतु प्रवेश करते हैं और मिन्यू कार्ड देखते हैं, उसी भांति डॉक्टर्स के यहाँ भी मिन्यू कार्ड अस्पताल के दीवाल पर आपको दिख जाएगा, जिसे देखकर , सयकीन करें आपकी घटी हुई बीमारी स्वतः बढ़ जाएगी, कारण आपने मुद्रा के साथ में उसमें अंकित शून्यों की ठीक से गिनती जो कर ली। यदि इस पर आप गणित के पक्के शिक्षक हैं तो ये मिन्यू कार्ड आपको शीघ्रमेव इस संसार सागर से मुक्त कर देंगे क्योंकि आपने गणितीय गणना ठीक-ठीक जो कर ली, परन्तु यदि आप अन्य विषय के ज्ञाता हैं या कच्चे गणित शिक्षक हैं तो आपके प्राण पखेरू शीघ्र उड़ने से बच जाएंगे।

कुछ सकारात्मक पहलू इसके भी निम्नलिखित हैं:-

डॉक्टरों और जाँच केन्द्रों की महिमा को साक्षात् देख कर, अनुभव कर ही यह जीव जो शायद-संयोग ही कूलर का हवा, लिफ्ट का आनंद, सेन्सर गेट में प्रवेश कर अपने जीवन को सफल बना पाया।

इसके साथ ही विभिन्न रंगों और फ्लेवरों वाली गोलियाँ, कैप्सूलें और दुर्लभ सूचीवेधों(इन्जेक्शनों) का आनंद प्राप्त हुआ क्या कोई इसे झूठला सकता है भला, स्वस्थ काया को अस्वस्थ प्रमाणित करने वाले मशीनों का महिमामण्डन करने में मेरी लेखनी असमर्थ हो रही है।

विशेष: आप भी किसी मामूली रोगों के साथ ही सही इन डॉक्टरों व जाँच केन्द्रों में अवश्य पधारें, यकीन मानें आप बोर ना होंगे और आपको लगेगा कि कोई तो आपको मिला जिसने आपको बारंबार कम से कम आने को तो कहा....



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