Anil Jaswal

Others

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Anil Jaswal

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चुनाव आ गया, मेल मिलाप बढ़ गया।

चुनाव आ गया, मेल मिलाप बढ़ गया।

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लटु और पटु दो‌ दोस्त हैं। बचपन से दोनों इकट्ठे रहे हैं। इकट्ठे पढ़े हैं। आखिर लटु चुनाव लड़ने का फैसला करता है। वो दोनों किन किन परिस्थितियों से गुजरते हैं।

लटु:(फोन पे) यार पटु! मतदान का दिन नजदीक आ रहा है। कुछ अलग से किया जाए। जिससे सारे मतदाता मेरी और हो जाएं।

पटू:(फोन पे) लटु। मैं तेरे घर आ रहा हूं। फिर कोई तरकीब बनाते हैं।

लटु: ठीक है।

पटु: (लटु के घर पहुंच कर। दरवाजा खटखटाता है) खट खट खट......।

लटु:(दरवाजा खोलता है) अरे पटु। तू आ गया। आजा बैठ।

पटु: देख लटु! बाहर तो महामारी फैल रखी है। तो प्रचार का तरीका थोड़ा बदलना होगा।

लटु: वो कैसे।

पटु: मैंने सबके मोबाइल नम्बरज ले लिए हैं। हम एक ओडीयो और वीडीयो मैसेज तैयार करेंगे। और अपने इलाके के लोगों को भेज देंगे।

लटु: लेकिन उसमें लिखेंगे। क्या?

पटु: मैंने संदेश तैयार कर लिया है। तुम भी सूनो।

लटु: हां। सुनाओ!

पटु: मित्रों, चुनाव है आया, मैं आपसे बात कर पाया, आप हर बार मुझे जीताते, इस बार भी कहीं और न जाना, बस चुपचाप मुझे मत दिलाना, मैं फिर भूल जाऊंगा, खुब मज़े उड़ाऊंगा, और अगली बार फिर वोट मांगने आ जाऊंगा।

लटु: अरे पटु। तुमने तो एक दम हिला दिया। ऐसा चुनाव संदेश किसी का न होगा।

पटु: अब हम अपना घोषणापत्र भी इस संदेश के साथ देंगे।

लटु: अरे पटु। तेरे से बेहतर कोई घोषणा पत्र तैयार कर सकता है।

पटु: ठीक है लटु। तू अपना यार है। तेरे लिए ये कुर्बानी भी दूंगा।

पटु: तो सुन।

पटु: हमारा घोषणापत्र:-

1. हम जो भी कहेंगे। वो कभी पूरा नहीं करेंगे।

2. जहां हमें अपना लाभ दिखेगा। उसे ही अमली जामा पहनाया जाएगा।

3. पूरी व्यवस्था मेरे अनुसार चलेगी। हम नियम नहीं मन के अनुसार चलेंगे।

4. जो भी बात नहीं मानेगा। वो रोजी-रोटी खो बैठेगा।

5. अपनी आए हम सबसे अधिक रखेगे। तभी जनता-जनार्दन को पूछेंगे।

लटु: वाह! पटु कमाल है। अगर मेरा बस चलता। तो मैं तुझे घोषणा आयोग का प्रधान बना देता।

पटु: ये दोनों संदेश मैंने सब लोगों के मोबाइल पे सैंण्ड कर दिए हैं।

(एक दिन चुनाव वाला दिन भी आया है। और परिणाम घोषित होता है। लटु चुनाव जीत जाता है।)

पटु: अरे लटु! अब तो तू नेता बन गया रे। बस अब जरा घोषणा पत्र पे ध्यान दे।



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