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Divyanjli Verma

Children Stories Children

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Divyanjli Verma

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चंपकलाल भालू और minki

चंपकलाल भालू और minki

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  बहुत पुरानी बात है। एक जंगल में एक भालू अपने परिवार के साथ रहता था।उसका नाम भोलू था। भोलू की फॅमिली मे सिर्फ 2 लोग थे। एक bholu की wife Mendy और उसकी बेटी Rini।

 

  Bholu अपनी family के साथ खुशी खुशी रहता था। दिन भर वो खेती करता और तालाब मे मछलियां पकड़ता था। और शाम को पास वाले पेड़ से शहद लेने जाता था। शहद bholu की फॅमिली का favourite फूड था। बिना शहद के वो लोग कभी भी खाना नहीं खाते थे।

 रोज की तरह आज भी bholu शहद लेने जा ही रहा था कि अचानक से मौसम खराब हो गया। बहुत तेज हवाएं चलने लगी। एसा लग रहा था जैसे तूफान आने वाला हो। सारे जानवर डर कर इधर उधर भागने लगे। सब किसी एसी जगह को ढूंढने लगे। जहां छुप सके।

     bholu भी अपनी family के साथ अपने घर में आ गया।

     तूफान बहुत तेज था। सब जानवर बहुत डरे हुए थे। और भगवान से प्रार्थना कर रहे थे। की जल्दी से तूफान थम जाए और सारे जानवर सही सलामत हो।

    कुछ जानवर पेड़ों के खोल में छिपे हुए थे। कुछ जानवर गुफाओं में छिपे थे। जिनके अपने घर थे वो अपने घर में छुपे थे।

    पेड़ों पर रहने वाली चिड़िया भी अपने अपने घोंसले लेकर किसी सुरक्षित जगह पर चली गई थी जिससे तूफान में बच सके। 

   लेकिन बेचारी minki मधुमक्खी अपना छत्ता ले के कहीं नहीं जा पाई थी। जिस वज़ह से तेज तूफान के कारण उसका छत्ता टूट गया। और उसके छत्ते की कुछ मधुमक्खियाँ भी तूफान में खो गई।

    जब तूफान थमा और सब कुछ शांत हो गया। तो सारे जानवर अपने गुफाओं और घरों से बाहर निकले। चारों तरफ का नजारा देख के सब बहुत दुखी हुए क्योंकि तूफान के कारण सब कुछ नष्ट हो गया था। लेकिन खुशी इस बात की थी कि सारे जानवर सुरक्षित थे। किसी को कुछ भी नहीं हुआ था।

     Bholu ने अपने खेत में जो फसल बो रखी थी। वो भी तूफान और बारिश के कारण खराब हो गई थी। जंगल के बीच मे लगा आम का बड़ा वाला पेड़ भी टूट गया था। सब जानवर इस बात से बहुत दुखी और चिंतित थे। क्योंकि जंगल में जब भी कोई meeting होती थी तो उसी पेड़ के नीचे होती थी।

    खैर पेड़ तो कोई दूसरा भी मिल सकता था। जहां मीटिंग हो सके। लेकिन तूफान में खोई मधुमक्खियों का मिलना मुश्किल था। और साथ ही उसके टूटे छत्ते का वापस जुड़ पाना भी।

     Minki मधुमक्खी का छत्ता टूटने की बात और मधुमक्खियों के खोने की बात पूरे जंगल में आग की तरह फैल गई थी। Minki मधुमक्खी तो बस रोये जा रही थी।

 

      क्योंकि छत्ता टूटने की वज़ह से छत्ते के साथ साथ शहद भी बर्बाद हो गया था। तो अब Minki जंगल वालों को शहद कैसे बेचेगी? और दूसरा छत्ता बनाने और फूलों से रस लाने में बहुत सारी मधुमक्खियों की जरूरत पड़ती है।

     लेकिन उसकी फूलों का रस लाने वाली मधुमक्खियों में से बहुत सारी तो तूफान में खो गई थी। Minki को बहुत चिंता होने लगी थी। की अब क्या होगा? कैसे सब ठीक होगा? इसी समस्या के समाधान के लिए जंगल में एक meeting बुलाई गई।

   दोपहर में सभी जानवर उस meeting में पहुँच चुके थे। minki मधुमक्खी तो अभी भी रोये जा रही थी। कुछ चिड़िया और चींटियां उसे चुप करा रही थी लेकिन वो तो चुप ही नहीं हो रही थी।

     तभी sid शेर ने सबको संबोधित करते हुए कहा," मेरे प्यारे भाइयों,मुझे बड़ा दुख है कि minki मधुमक्खी के छत्ता तूफान में नष्ट हो गया। लेकिन आज हम सब यहा एकत्रित होकर minki की मदद करेगे। और कोई एसा तरीका खोजेंगे जिससे minki का छत्ता वापस ठीक हो सके।"

    Jack सियार न कहा कि," आप में से कोई अगर ऐसा कोई तरीका जानता है जिससे minki की मदद की जा सके तो वो आगे आए।"

    इस पर bholu भालू ने कहा कि, "मेरे पास एक idea हैं।"

    

  Bholu भालू ने कहा कि, " अगर बग़ल वाले जंगल से कुछ मधुमक्खियों को बुला लिया जाये जिससे वो फूलों का रस लाने में minki कि मदद कर सके।तो शहद फिर से बन सकता है। "

    "लेकिन बिना फूलों के रस कैसे मिलेगा। "Jack सियार ने कहा।

तो Bholu ने कहा कि, "हम सब जानवर मिल के फूलों कि खेती करेंगे तो बहुत जल्दी फिर से जंगल में फूल ही फूल होगे और minki को रस के लिए दूर भी नहीं जाना होगा।"

" हाँ ,सही कहा।" सब जानवर Bholu भालू कि बात से सहमत हो जाते हैं।

    अगले दिन खरगोश चाचा की नर्सरी से अलग अलग फूलों के पौधे खरीदे जाते है। पूरे जंगल में ये बात आग की तरह फैल जाती है कि शहद बनाने के लिए फूल उगाना है। जिसको जहां जगह मिलती है वो वहीं पौधे लगा देता है।

   Bholu ने अपने खेतों में लाल और पीले फूल उगाये है। दिन बीतते जाते है और सारे पौधे बड़े होने लगते है। उनमें फूल भी खिल जाते है। ये देख के जंगल के सब जानवर बहुत खुश होते है।

   अब बारी थी फूलों से रस ले के शहद बनाने की तो बगल वाले जंगल के शेर को फ़ोन किया जाता है। और उनसे मदद मांगी जाती है। वो मधुमक्खियों को भेजने के लिए राजी हो जाते है।

   उन मधुमक्खियों को लाने के लिए कल्लू कोयल को भेजा जाता है।

   अगले दिन से ही शहद बनाने का काम शुरू हो जाता है। एक महीने में ही इतना शहद बन जाता है कि जंगल वालों के लिए पर्याप्त शहद होता है।

    सब लोग अपना अपना डिब्बा ले के शहद लेने जाते है।Minki मधुमक्खी सबको शहद दे के बहुत खुश होती है। जंगल वाले भी शहद पाकर खुशी से फूले नहीं समाते है।



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