Aarti Ayachit

Others

5.0  

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अगर मैं होती अधिकारी

अगर मैं होती अधिकारी

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कुछ सालों से परिवार की विषम-परिस्थितियों का सामना करते हुए दीप्ति का स्वास्थ्य भी साथ नहीं दे पा रहा, फिर भी उसने आत्मबल से अपनी सेवाएं बखूबी निभाई, परंतु लाख कोशिशों के बावजूद उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

मुझे मिली तो उसने अपनी आप बीती सुनाई, कहने लगी काश... अधिकारी पूर्व में किए कुशलतापूर्वक कार्यों को अहमियत देकर सहयोग करते तो मैं बेरोज़गार नहीं होती। सुनते ही मैंने रूआंसे-मन से सोचा, मेहनत-लगन-ईमानदारी से किए काम की कोई कीमत ही नहीं ? "अगर मैं होती अधिकारी",तो पूर्व में किए कार्यों को प्राथमिकता देकर उसे एक अवसर अवश्य प्रदान करती।


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