19 जून 2021
19 जून 2021
अनुभव कल के टेस्ट की रिपोर्ट ले कर आया था। मुझे उसका आना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है लेकिन खुल कर रोक पाना मुश्किल है। एक भी रिपोर्ट अच्छी नहीं है। अनुष्का चाय लेकर आई। सामान्य से अच्छे कपड़ों में थी। बाल अच्छी तरह बांध रखे थे। गुलाबी फूल की डिज़ाइन का हेयर-बैंड लगाए हुए थी। उसका रूप चंद्रमाँ की भांति दमक रहा था। बहुत सुंदर लग रही थी। अनुष्का जब चाय की ख़ाली प्यालियाँ उठा कर जाने लगी तो अनुभव भी यह कहते हुए उठ गया कि मुझे एक ज़रूरी काम से जाना है। मैंने औपचारिकता वश कहा, "ममता भाभी से नहीं मिलोगे?"
नहीं, आज नहीं, ममता भाभी से किसी और दिन मिल लूँगा। ऐसा पहली बार हुआ है कि वह ममता भाभी के बहाने सीमा से न मिला हो। अनुभव और अनुष्का साथ साथ कमरे से निकल गए। थोड़ी देर बाद सीमा चिकन सूप लेकर आई। बालों में हेयर-बैंड नहीं था। बिखरे हुए बालों में वह और भी अच्छी लग रही थी। मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था। मेरा दिल उसके बालों से खेलने को हो रहा था। मैंने उससे दरवाज़ा बंद करने को कहा। लेकिन उसने दरवाज़ा बंद नहीं किया, बोली, "आप को क्या हो गया है? दिन के तीन बजे हैं, सब लोगों का आना जाना लगा हुआ है। कुछ दिन और सब्र कर लीजिए। मैं कहीं चली थोड़ी जा रही हूँ।"
मैंने कहा, "तुम जाओ या ना जाओ मैं तो जा रहा हूँ।"
आप बहुत निराशा की बातें करने लगे हैं। आप को कुछ नहीं होगा। आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगे।"
इतने में सौरभ आ गया। अनुष्का ने कहा, "सौरभ भय्या इन्हें समझाइए। हर समय मरने की बातें करते रहते हैं।"
सौरभ ने कहा, "यह जो बोलता है बोलने दीजिए समय सिद्ध कर देगा कि इसके सारे निराशा वादी अनुमान ग़लत थे। आजकल मैं किड्नी संबंधित हर रिसर्च को गहनता से पढ़ रहा हूँ। एक आध साल में इतनी अच्छी अच्छी डैलिसिस की मशीनें आ जाएंगी कि मरीज को पता भी नहीं चलेगा कि उसकी डैलिसिस ही रही है। वह सामान्य जीवन व्यतीत कर सकेगा।
मैंने कहा, "'कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक'। जब तक यह मशीनें आएंगी मैं ना जाने कहाँ होऊँगा।"
मैंने आगे कहा, "मैं मौत से नहीं डरता हूँ। इधर कुछ घटनाएं ऐसी अवश्य हूईं हैं जिन्होंने मुझे सचमुच गहरा दुख पहुंचाया है। मेरे ऊपर एक को छोड़ कर कोई ऐसी ज़िम्मेदारी नहीं है जिसे ना निभाने के कारण मैं दुखी होऊँ।"
"अनुष्का ने पूछा, "आपने सदैव अपने कर्तव्य अपेक्षा से बढ़ कर पूरे किए हैं। ऐसी कौन सी ज़िम्मेदारी है जो अधूरी रह गई है। आप सीमा के विवाह की बात तो नहीं कर रहें हैं।"
"सीमा अभी छोटी है। उसके विवाह के बारे में मैं गंभीरता से नहीं सोचता था। किन्तु पिछले दिनों की घटनाओं ने मुझे उसकी ओर से चिंतित कर दिया है। फिर भी मैं जानता हूँ कि मेरे मरने के बाद उसकी चिंता करने वाले बहुत लोग हैं। मेरी चिंता का कारण कोई और है।"
सौरभ ने कहा, "अब नाम भी लोगे या घुमाते फिराते रहोगे।"
मैंने अनुष्का को संबोधित करते हुए कहा, "तुम्हारी ज़िम्मेदारी, अनुष्का।"
अनुष्का यह कहते हुए, "मुझे आप से बात ही नहीं करना है" उठ कर चली गई।
मैंने और सौरभ ने एक दूसरे को देखा। लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की।
सौरभ भी थोड़ी देर बैठ कर चला गया।
मैं सोचने लगा की आज मुझे अनुष्का इतनी सुंदर और प्रिय क्यों लग रही है। उसके अच्छा लगने का कारण प्रेम है या काम वासना? लेकिन मैं उसके भविष्य को लेकर क्यों चिंतित हूँ? मेरी आज की अतृप्त काम वासना का उसके भविष्य से क्या संबंध?
मैं क्यों भूल जा रहा हूँ कि उसके मन में कोई और बस रहा है। मेरा मानसिक तनाव बढ़ रहा है। मैं इस विषय पर और नहीं सोच सकता। मैं सोने का प्रयत्न करता हूँ।