बहुत थकान महसूस हुई।ओह ! ये क्या। उफ़न गई सारी खीर।
और बेटियों को अपनी ही बेटी जैसा प्यार एवं मार्गदर्शन प्रदान करते हो।
उनकी आँखें अब सूनी थी, उसमें अब इंतज़ार भी नहीं था।
कुछ लोग जीवन में ऐसे मिलते हैं जो अपनी यादें अमिट छोड़ जाते हैं।
वहां सुकुन नहीं केवल सन्नाटा था वहां अपनापन नहीं केवल उदासी थी|
,एक सड़क दुर्घटना में बेटे की असामयिक मृत्यु से दुख का पहाड़ टूट पड़ा।