हमारे आस पास फैली भुखमरी और गरीबी देखकर द्रवित होती नायिका की कथा
स्टेशन पर यात्रियों के सामान ढोने वाला एक अदना सा कुली अपना और अपने फूल से बच्चे का पेट कैसे भरे ? माधुरी बीमार , रेल कर...
जानवर हूँ शायद इसी वज़ह से भैया से जलता था। भैया भी अम्मा को अपनी गोद में लेकर बादलों की सैर कराते कभी फूलवारी में
कहतें हैं जहाँ ईर्ष्या द्वेष का वास होता वहाँ कुमति के प्रवेश को कोई रोक नहीं सकता। जिस घर में पहले शान्ति का वास था अब ...
परिवार के साथ मेला देखने को आतुर वर्मा जी बारिश में फंस गए , उनके पास एक ग़रीब बच्ची आई जिसने खाना या कुछ पैसे मांगे वर्म...