लड़की हो, लड़का नहीं, घर में हँसो, बाहर हँसना नहीं, अरे ये दुनिया जीने ही कहाँ देती है, लड़की हो, लड़का नहीं, घर में हँसो, बाहर हँसना नहीं, अरे ये दुनिया जीने ही कह...
तो हम क्यों क्रंदन करते हैं, जब हँसना अच्छा लगता है ! तो हम क्यों क्रंदन करते हैं, जब हँसना अच्छा लगता है !