आगे हरदम बढ़ने का हम,लक्ष्य बनायेंगे, चाहे रोड़े हों राहों में,मंजिल पायेंगे। आगे हरदम बढ़ने का हम,लक्ष्य बनायेंगे, चाहे रोड़े हों राहों में,मंजिल पायेंगे।
बहुत छोटा लेकिन ज़रूरी सच। बहुत छोटा लेकिन ज़रूरी सच।
कली से फूल बनना, है जीवन का उच्छ्श्वास ! सुवासित सुगंध का सुवास, एक आस-एक विश्वास ! कली से फूल बनना, है जीवन का उच्छ्श्वास ! सुवासित सुगंध का सुवास, एक आस-...
आह न निकले तनिक कंठ से शिव बनकर विषपान ज़िन्दगी। आह न निकले तनिक कंठ से शिव बनकर विषपान ज़िन्दगी।
प्रारम्भिक एकांतवास को नकारता सामाजिक प्राणी बनता मानव प्रारम्भिक एकांतवास को नकारता सामाजिक प्राणी बनता मानव
क्या लिखूँ..... यह सोच कर, कलम रूक न जाये। क्या लिखूँ..... यह सोच कर, कलम रूक न जाये।