तकनीकी युग
तकनीकी युग
तकनीक बेहतर करने की स्पर्धा में
बेहतरीन पलों की बीती याद लिए
वर्तमान क्षणों को साथ लिए
उत्तम भविष्य की आस लिए
हरा मैदान नीला आकाश गरजता बादल
कहीं दूर छुटा प्रकृति का आंचल
पाषाण युग से निकलता मानव
तकनीकी युग तक पहुंचता मानव
प्राकृतिक गुत्थियों को सुलझाता
सोपान-दर-सोपान तय करता मानव
प्रारम्भिक एकांतवास को नकारता
सामाजिक प्राणी बनता मानव
एक दूसरे के महत्व को मानता
सह-अस्तित्व को दे मान्यता मानव
लाभ-हानि, उन्नति-अवनति से जूझता
युगों का पहिया घूमता ही घूमता
इस घूमते पहिए में झूलता
प्रकृति-तकनीक में त्रिशंकु बना मानव
स्व-अस्तित्व को हर दिशा ढूंढता
तकनीकी प्रगति में पुनः एकल हुआ मानव।