फिर सिलसिला शुरू हुआ, रातों को जागने का, वो हममें हम उनमें, कब सिमटे और कैसे ? फिर सिलसिला शुरू हुआ, रातों को जागने का, वो हममें हम उनमें, कब सिमटे और कैसे ?
लिख लिख कर हथेली पर नाम आपका उसमें ढूंढते रहे तस्वीर आपकी लिख लिख कर हथेली पर नाम आपका उसमें ढूंढते रहे तस्वीर आपकी
नैनों की छटपटाहट को अश्कों का उपहार देकर फासलों में सिमटे है दोनों, नैनों की छटपटाहट को अश्कों का उपहार देकर फासलों में सिमटे है दोनों,